
नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump)ने नागरिकता के लिए गोल्ड कार्ड वीजा (Gold Card Visa)पेश करने की घोषणा(announcement of the presentation) की। इस कदम से जहां अमेरिका में अमीरों को स्थानी निवासी की अनुमति मिलेगी, वहीं अमेरिकी ग्रीन कार्ड का इतंजार कर रहे भारतीय नागरिकों में चिंता बढ़ गई है। यह गोल्ड कार्ड वीजा, ग्रीन कार्ड से कैसे अलग है, इस पर एक नजर ।
1. क्या है गोल्ड कार्ड वीजा?
गोल्ड कार्ड वीजा अमेरिकी नागरिकता का रास्ता खोलेगा। यह ग्रीन कार्ड की सुविधाएं देगा। इसकी कीमत करीब पांच मिलियन डॉलर (लगभग 43.5 करोड़ रुपये) है। इसका मतलब कि अगर किसी के पास इतनी रकम है, तभी वो अमेरिका का स्थानी निवासी हो सकता है। यह ईबी -5 निवेशक वीजा या एच-1 बी से ग्रीन कार्ड प्रक्रिया की तुलना में अमेरिकी निवास के लिए बहुत तेज और सरल मार्ग प्रदान करता है।
2. अभी क्या है व्यवस्था?
अमेरिका में ग्रीन कार्ड के लिए अभी ईबी-5 निवेशक वीजा व्यवस्था है। इसके तहत दूसरे देश के लोग 1.05 मिलियन डॉलर (करीब 8.70 करोड़ रुपये) देकर नागरिकता लेते हैं। उन्हें अमेरिका में बिजनेस शुरू करने के लिए कम से कम 10 अमेरिकियों को नौकरी देना होता है। इस वीजा के तहत अमेरिका में पांच से सात वर्ष तक की नागरिकता मिलती है।
3. भारतीयों पर क्या असर?
भारत से हर साल हजारों लोग ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करते हैं। इसमें बैकलॉग के कारण कुछ को लंबे समय तक इंतजार करना पड़ जाता है। गोल्ड कार्ड से अमीर भारतीयों के लिए रास्ता खुलेगा, लेकिन मिडिल क्लास के निवेशकों के लिए रास्ता बंद होगा। ईबी-5 वीजा के सहारे रहने वाले लोगों को पांच गुना ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी। ईबी-5 कार्यक्रम को खत्म करने से लंबे ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे स्किल्ड भारतीय प्रोफेशनल्स को भी नुकसान हो सकता है।
4. बदलाव की जरूरत क्यों?
राष्ट्रपति ट्रंप ने ईबी-5 प्रोग्राम को गलत और फर्जी बताया। इस वीजा प्रोग्राम से धोखाधड़ी रुकेगी और नौकरशाही पर भी लगाम लगेगी। वहीं नए वीजा प्रोग्राम से देश में निवेश भी बढ़ेगा। अगले दो हफ्ते में इसके बदलने की संभावना है।
5. किसके लिए यह सुविधा?
एच-1बी, ईबी-2 या ईबी-3 वीजा वाले भारतीय भी गोल्ड कार्ड ले सकेंगे। शर्त यही है कि इसके लिए लगभग 44 करोड़ रुपये देने होंगे। इस व्यवस्था को लाने के पीछे माना जा रहा है कि कंपनियां अपने कुशल और योग्य कर्मचारियों को आगे बढ़ाएंगी।
6. गोल्ड कार्ड नहीं तो विकल्प क्या?
गोल्ड कार्ड के लिए हर किसी के पास इतना पैसा नहीं होगा। ऐसे में आम लोग अभी भी एच-1बी, ईबी-1, ईबी-2 या ईबी-3 वीजा के जरिए अमेरिका में बसने की कोशिश कर सकते हैं। हालांकि, इसकी प्रक्रिया लंबी और मुश्किल है।
7. क्या ईबी-5 की तरह गोल्ड कार्ड की सीमा होगी?
नहीं। ट्रंप ने कहा कि वे 10 लाख से 1 करोड़ तक गोल्ड कार्ड बेच सकते हैं। इसमें भी ईबी-5 की तरह कोई संख्या सीमा नहीं होगी, क्योंकि यह पूरी तरह से अमेरिका के लिए रेवेन्यू स्कीम की तरह काम करेगा।
8. क्या बिना संसद की मंजूरी के लागू होगा?
ट्रंप का कहना है कि उन्हें कांग्रेस (संसद) की मंजूरी की जरूरत नहीं है। हालांकि, कानूनी विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं हैं। अगर इसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए या राजनीतिक विरोध हुआ, तो इसे लागू करने में देरी हो सकती है।
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