
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) ने अपने मित्र देश जापान (Japan) पर नए टैरिफ (New tariffs) लगाने की धमकी दी है। ट्रंप ने आरोप लगाया कि जापान (Japan) ने अमेरिकी चावल (American rice) खरीदने से इनकार कर दिया है, जबकि वहां चावल की भारी कमी देखी जा रही है। इस बयान ने वैश्विक व्यापार और दोनों देशों के बीच दशकों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।
जापान को बातों ही बातों में चेता दिया
ट्रंप ने कहा है कि जापान को जल्द ही अमेरिका की ओर से एक व्यापारिक पत्र भेजा जाएगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह पत्र टैरिफ से जुड़ा हो सकता है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “यह दिखाने के लिए कि दूसरे देश अमेरिका के प्रति कितने लाड़-प्यार के आदी हो गए हैं…. मुझे जापान का बहुत सम्मान है, वे हमारा चावल नहीं लेते, जबकि उनके पास भारी चावल संकट है। मतलब ये कि हम बस उन्हें एक पत्र भेजेंगे। हम उन्हें वर्षों से एक बेहतरीन व्यापारिक साझेदार मानते हैं।”
एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा घोषित 90-दिन के जवाबी टैरिफ पर रोक की समयसीमा 8 जुलाई को खत्म हो रही है। ट्रंप पहले भी कह चुके हैं कि उनकी प्रशासनिक टीम आगामी टैरिफ दरों के संबंध में देशों को औपचारिक रूप से पत्र के माध्यम से सूचित करेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि जापान उन देशों में से एक हो सकता है जिन्हें इस नीति से सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। रोक से पहले जापानी उत्पादों पर 24% तक का टैरिफ लगाया गया था। फिलहाल उन पर एक समान 10% टैरिफ लागू है। हालांकि, ट्रंप ने अभी तक इस पत्र की सामग्री या उसमें सुझाए गए संभावित नए शुल्क दरों के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है।
ट्रंप कई देशों को दे चुके हैं धमकी
ट्रंप का यह बयान उनकी व्यापक टैरिफ नीति का हिस्सा है, जिसके तहत वह अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने और घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी कई देशों, जैसे चीन, भारत, कनाडा और मैक्सिको, पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। जवाबी यानी रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि अगर कोई देश अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस देश के आयात पर उतना ही टैरिफ लगाएगा।
जापान के संदर्भ में ट्रंप का दावा है कि जापान अमेरिकी चावल को अपने बाजार में जगह देने से इनकार कर रहा है। जापान में चावल एक सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण फसल है, और वहां स्थानीय चावल उत्पादकों को संरक्षण देने के लिए सख्त आयात नियम लागू हैं। ट्रंप ने इसे अनुचित व्यापार प्रथा करार देते हुए कहा कि जापान को अमेरिकी चावल खरीदना चाहिए, खासकर तब जब वहां चावल की कमी की खबरें सामने आ रही हैं।
जापान की स्थिति
जापान ने अभी तक ट्रंप के इस बयान पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जापान के लिए अमेरिकी चावल को बड़े पैमाने पर आयात करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि वहां के उपभोक्ता स्थानीय चावल को प्राथमिकता देते हैं। इसके अलावा, जापान ने पहले भी अमेरिकी कृषि उत्पादों पर सख्त नियम लागू किए हैं, जिसे ट्रंप ने बार-बार अनुचित बताया है।
जापानी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार, जापान ने हाल ही में अपनी चावल की कमी को पूरा करने के लिए अपने भंडार से चावल जारी किया है। लेकिन ट्रंप का दावा है कि इसके बावजूद जापान अमेरिकी चावल को स्वीकार करने से हिचक रहा है।
ट्रंप की इस नई धमकी ने वैश्विक व्यापार में तनाव बढ़ा दिया है। जापान और अमेरिका लंबे समय से मजबूत व्यापारिक साझेदार रहे हैं, और दोनों देशों के बीच कई व्यापार समझौते मौजूद हैं। हालांकि, ट्रंप की टैरिफ नीति ने पहले भी कई सहयोगी देशों के साथ तनाव पैदा किया है। उदाहरण के लिए, उन्होंने भारत पर भी उच्च टैरिफ लगाने का आरोप लगाया और 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने की घोषणा की थी जिसे बाद में 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया।
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