वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कुछ ऑडियो टेप सामने आए हैं, जिनमें वह रूस और चीन पर बम गिराने की धमकी देते सुनाई दे रहे हैं। कम से कम तीन ऑडियो लीक हुए हैं। ऑडियो में ट्रंप काफी गुस्से में हैं और पुतिन-जिनपिंग (Putin-Jinping) के लिए काफी बुरा-भला भी कह रहे हैं। उनका आरोप है कि बार-बार समझाने के बाद भी पुतिन सीरियस नहीं हैं। ऐसी ही बातें वो ताइवान के मामले में जिनपिंग के लिए कह रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने ये बातें साल 2024 में चुनावी डोनर कार्यक्रमों में बंद दरवाजों के पीछे कहीं थीं। किताब “2024: हाउ ट्रंप रिटूक द वाइट हाउस…” से लीक हुए ऑडियो टेप्स में ट्रंप रूस और चीन को लेकर बेहद उग्र भाषा का इस्तेमाल करते सुनाई दे रहे हैं।
पुतिन को धमकी
एक ऑडियो में ट्रंप कहते सुनाई दे रहे हैं, “मैंने पुतिन से कहा, अगर तुम यूक्रेन में घुसे तो मैं मास्को पर बम बरसा दूंगा। पुतिन ने कहा – ‘मुझे यकीन नहीं।’ मैंने कहा – ‘करूंगा।’” ट्रंप ने दावा किया कि पुतिन को उनकी धमकी पर “10 प्रतिशत यकीन हुआ।”
जिनपिंग को भी दी थी ऐसी ही चेतावनी
एक अन्य टेप में ट्रंप दावा करते हैं, “मैंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से कहा – अगर तुम ताइवान पर हमला करते हो, तो मैं बीजिंग को बम से उड़ा दूंगा।” “वो बोले – बीजिंग? सच में? मैंने कहा – हां, मेरे पास और कोई चारा नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि जिनपिंग को भी उनकी धमकी पर “10 प्रतिशत” यकीन हुआ और यही काफी था।
प्रो-फिलिस्तीन छात्रों पर सख्त रुख
एक और टेप में ट्रंप ने कैंपस में फिलिस्तीन समर्थक विरोध कर रहे छात्रों को निशाना बनाते हुए कहा, “जो भी छात्र विरोध करे, मैं उन्हें देश से बाहर निकाल दूंगा।” इस बयान पर वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजाईं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर उन्हें फिर से राष्ट्रपति चुना गया, तो वे इस विरोध को “25-30 साल पीछे धकेल देंगे।”
एक ऑडियो में ट्रंप ने बताया कि एक अरबपति डोनर उन्हें 1 मिलियन डॉलर देने के बदले लंच पर बुलाना चाहता था। ट्रंप ने जवाब दिया, “तुम 5-6 बिलियन डॉलर के मालिक हो और 1 मिलियन के लिए लंच चाहते हो? 25 मिलियन दो, वरना लंच नहीं।” ट्रंप के मुताबिक, डोनर ने वाकई 25 मिलियन डॉलर दे दिए।
CNN के मुताबिक, ट्रंप के कैंपेन ने इन टेप्स पर कोई टिप्पणी नहीं की है। पहले भी ट्रंप दावा कर चुके हैं कि अगर वह राष्ट्रपति होते, तो रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू ही नहीं होता। हालांकि 2025 में उनके कार्यकाल की शुरुआत के बावजूद युद्ध अब और भी तेज हो गया है और उनकी कई
कोशिशें अबतक नाकाम ही हुई हैं।
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