
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच फोन पर बातचीत हुई है. दोनों के बीच 35 मिनट तक वार्ता हुई, जिसमें पीएम मोदी ने ट्रंप को बताया कि भारत (India) ने ना कभी मध्यस्थता स्वीकार की थी, न करता है और न ही कभी करेगा. दरअसल, ट्रंप कई बार ये दावा कर चुके हैं कि उन्होंने पिछले महीने भारत और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच तनाव के दौरान मध्यस्थता (Mediation) की थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति पूरी दुनिया को बताते रहे हैं कि उनके कारण ही भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हुआ. दोनों देशों के बीच शांति का श्रेय वो खुद ले रहे हैं. ट्रंप के दावे के बाद कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर थी. राहुल गांधी से लेकर कांग्रेस के तमाम प्रवक्ताओं का कहना था कि पीएम मोदी ट्रंप के सामने झुक गए. राहुल गांधी ने यहां तक कह दिया था कि पीएम मोदी ने सरेंडर कर दिया.
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात कनाडा में G7 समिट की साइडलाइंस पर होनी तय थी. इजराइल और ईरान तनाव के कारण ट्रंप को जल्दी वापस अमेरिका लौटना पड़ा, जिसके कारण यह मुलाकात नहीं हो पाई. इसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप के आग्रह पर आज दोनों लीडर्स की फोन पर बात हुई. बातचीत लगभग 35 मिनट चली. 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने फोन पर प्रधानमंत्री मोदी को शोक संवेदना प्रकट की थी और आतंक के खिलाफ समर्थन व्यक्त किया था. उसके बाद दोनों लीडर्स की यह पहली बातचीत थी.
पाकिस्तान पर भारत के ताबड़तोड़ एक्शन के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था अमेरिका की मध्यस्थता के कारण भारत और पाकिस्तान में सीजफायर हुआ. इसके तुरंत बाद पाकिस्तान ने भी सीजफायर की पुष्टि की थी. हालांकि भारत ने साफतौर पर कहा कि संघर्षविराम में किसी भी तीसरे देश की भूमिका नहीं है. भारत ने एक बार नहीं बल्कि कई बार ट्रंप के दावों का खारिज किया.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved