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भारत को लेकर ट्रंप के नरम पड़े तेवर, बताए संबंध बेहद खास, शशि थरूर बोले- देश का अपमान भूल नहीं सकते

September 09, 2025

नई दिल्‍ली । रूसी तेल (Russian Oil) समेत कई कारण गिनाकर भारत (India) को निशाना बनाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के तेवर बदल रहे हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बेहद खास हैं और चिंता की कोई बात नहीं है। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को भी दोस्त बताया था। अब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि हम राष्ट्रपति और उनके स्टाफ की तरफ से किए गए अपमान को पूरी तरह से नहीं भूल सकते।

क्या बोले थरूर
मीडिया से बातचीत में थरूर ने कहा था कि ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ का असर लोगों पर पड़ा है, जिसे पूरी तरह से नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि हम 50 फीसदी टैरिफ या इसके साथ राष्ट्रपति और उनके स्टाफ की तरफ से किए गए अपनाम को पूरी तरह से भुला सकते हैं…।’

उन्होंने कहा था, ‘ट्रंप का स्वभाव चंचल है और वह जो कह रहे हैं उससे हमारे देश को नुकसान हुआ है। 50 प्रतिशत शुल्क के परिणाम पहले से नजर आ रहे हैं…।’

जब ट्रंप ने किया भारत का अपमान

‘पाकिस्तान एक दिन भारत को तेल बेचेगा’
जुलाई में ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा था, ‘हमने अभी-अभी पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत अमेरिका पाकिस्तान के विशाल तेल भंडार को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेगा।’ उन्होंने कहा था, ‘हम उस तेल कंपनी को चुनने की प्रक्रिया शुरू कर चुके हैं जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है, शायद वे किसी दिन भारत को तेल बेचेंगे।’

खास बात है कि यह बयान ऐसे समय पर सामने आया था, जब जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते और तल्ख हो गए थे। भारतीय सेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।


‘मरी हुई अर्थव्यवस्था’
अगस्त में ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा, ‘मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है। वो अपनी पहले ही खत्म अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ और गिरा सकते हैं। हमने भारत के साथ बहुत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं, बल्कि दुनिया में सबसे ज्यादा में से एक हैं। वैसे ही रूस और अमेरिका ना के बराबर व्यापार करते हैं। इसे ऐसा ही रहने देते हैं।’

‘एकतरफा रिश्ता’
सितंबर में ही भारत पर लगाए गए उच्च शुल्क में कुछ कटौती की संभावना के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, ‘भारत से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं लेकिन वर्षों तक यह रिश्ता एकतरफा रहा। भारत हम पर दुनिया में सबसे ज्यादा शुल्क लगाता था और यही वजह रही कि हमारा व्यापार वहां नहीं हो रहा था।’

ट्रंप के बड़बोले सहयोगी
वाइट हाउस को व्यापार सलाहकार पीटर नवारो कई बार भारत को निशाना बना चुके हैं। उन्होंने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘वाह, एलन मस्क लोगों के पोस्ट से दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहे हैं। नीचे दिया गया बकवास नोट भी यही है। बकवास। भारत रूस से तेल सिर्फ मुनाफा कमाने के लिए खरीदता है। रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले वह तेल नहीं खरीदता था। भारतीय सरकार की प्रचार मशीन तेजी से आगे बढ़ रही है। यूक्रेनियों को मारना बंद करो। अमेरिकियों की नौकरियां छीनना बंद करो।’

‘शर्म की बात है’
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से पीएम मोदी की मुलाकात को लेकर नवारो ने पहले कहा था, ‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी का दो सबसे बड़े तानाशाहों, पुतिन और शी चिनफिंग, के साथ देखा जाना बेहद शर्म की बात है। इसका कोई मतलब नहीं है।’

‘ब्राह्मण मुनाफाखोरी कर रहे हैं’
1 सितंबर को नवारो ने फॉक्स न्यूज संडे से बातचीत में कहा था, ‘तो मैं बस इतना ही कहना चाहूंगा, भारतीय जनता कृपया समझिए कि यहां क्या हो रहा है। आपके पास ब्राह्मण हैं जो भारतीय लोगों की कीमत पर मुनाफाखोरी कर रहे हैं। हमें इसे रोकने की जरूरत है।’

नवारो ने कहा कि फरवरी 2022 में पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण से पहले भारत रूसी तेल नहीं खरीदता था और उसकी खरीद बहुत, बहुत कम मात्रा में होती थी। उन्होंने कहा, ‘फिर क्या हुआ? खैर, रूसी रिफाइनरों ने भारत में बड़ी तेल कंपनियों के साथ साठगांठ की। पुतिन, मोदी को कच्चे तेल पर छूट देते हैं। वे इसे संशोधित करते हैं और फिर यूरोप, अफ्रीका तथा एशिया को ऊंचे दाम पर बेचते हैं तथा वे ढेर सारा पैसा कमाते हैं।’

नवारो ने कहा, ‘अब, उस परिदृश्य में क्या गलत है?’ उन्होंने कहा कि इससे रूसी युद्ध मशीन को ‘ईंधन’ मिलता है और भारत ‘क्रेमलिन के लिए सिर्फ तेल धन शोधन केंद्र’ बन गया है।

इससे पहले अगस्त में वह आरोप लगा चुके हैं, ‘यह बढ़ोतरी घरेलू मांग से नहीं बल्कि भारतीय मुनाफाखोरों के कारण हुई है और इसकी कीमत यूक्रेन को खूनखराबे और तबाही से चुकानी पड़ती है।’

अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि अमेरिका को भारत के साथ 50 अरब डॉलर का व्यापार घाटा झेलना पड़ रहा है और नयी दिल्ली उन्हीं डॉलर का इस्तेमाल रूसी तेल खरीदने में कर रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘भारत इससे भारी मुनाफा कमाता है और यूक्रेनी लोग मरते हैं। मामला यहीं खत्म नहीं होता। भारत लगातार रूसी हथियार खरीदता जा रहा है और साथ ही अमेरिकी कंपनियों से यह मांग करता है कि वे संवेदनशील सैन्य तकनीक भारत को हस्तांतरित करें और यहां कारखाने स्थापित करें। यह रणनीतिक मुफ्तखोरी है।’

अर्थव्यवस्था तबाह करने की धमकी
रिपब्लिकन पार्टी के नेता और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने जुलाई में धमकी तक दे दी थी। उन्होंने कहा था, ‘राष्ट्रपति ट्रंप उन सभी देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएंगे, पुतिन की मदद करने के लिए उन्हें सजा देंगे।’ उन्होंने यह भी कहा है कि टैरिफ अन्य देशों के लिए भी चेतावनी होगी।

उन्होंने कहा, ‘मैं चीन, भारत और ब्राजील को कहना चाहूंगा कि अगर आप इस युद्ध को जारी रखने के लिए सस्ता रूसी तेल खरीदना जारी रखते हैं, तो हम आपकी हालत खराब कर देंगे और हम आपकी अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगे, क्योंकि जो आप कर रहे हैं वो ब्लड मनी है।’ उन्होंने कहा, ‘आप दुनिया की कीमत पर सस्ता तेल खरीद रहे हैं और राष्ट्रपति ट्रंप अब इस खेल से थक गए हैं।’

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