
नई दिल्ली । Aegean आईलैंड को लेकर तुर्की और ग्रीस (Turkey and Greece) में तनाव बढ़ गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने अपने धुर विरोधी ग्रीस को पूर्वी ईजियन द्वीपों से सेना हटाने के लिए कहा है. एर्दोगन ने कहा कि मैं मजाक नहीं कर रहा हूं, मैं गंभीरता से बोल रहा हूं. अगर ऐसा नहीं होता है तो इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे.
तुर्की का कहना है कि ग्रीस उन संधियों का उल्लंघन कर रहा है जो ईजियन द्वीपों की निहत्थे स्थिति की गारंटी देती हैं. साथ ही तुर्की ये भी तर्क देता है कि द्वीपों को ग्रीस को इस शर्त पर सौंप दिया गया था कि वो असैन्य बने रहें. बता दें कि ग्रीस और तुर्की नाटो के सहयोगी हैं, लेकिन कई मुद्दों पर विवादों का इतिहास रहा है.
कहा जाता है कि गैस भंडारों को लेकर तुर्की और ग्रीस के अपने-अपने दावे हैं और पूर्वी भूमध्यसागर के कई महत्वपूर्ण इलाकों को लेकर दोनों देशों के बीच भारी मतभेद हैं. दोनों ही देश कई इलाकों पर अपने-अपने दावे इस तर्क के साथ ठोकते रहे हैं कि ये उनके महाद्वीपीय जलसीमा में आते हैं. तुर्की का कहना है कि हम अपने देश की सीमाओं पर आतंकी गलियारा बनाने की अनुमति कभी नहीं देंगे. उम्मीद है कि ग्रीस हमारी जायज सुरक्षा चिंताओं का विरोध नहीं करेगा.
वहीं, तुर्की के राष्ट्रपति के बयान पर ग्रीस का कहना है कि तुर्की ने जानबूझकर संधियों की गलत व्याख्या की है. ग्रीक सरकार के प्रवक्ता Giannis Oikonomou ने कहा कि ग्रीक को तर्क, स्वतंत्रता और न्याय की भाषा के रूप में जाना जाता है. तुर्की ने जो रणनीति चुनी है वो इनमें से किसी भी श्रेणी में नहीं आती है. तुर्की को अपना आक्रामक व्यवहार और बयानबाजी बंद करनी होगी.
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