
इंदौर। बाणगंगा क्षेत्र में रहने वाले दो बच्चे अजीब बीमारी के शिकार हैं। इन बच्चों के माता-पिता तो स्वस्थ और तंदुरुस्त हैं, लेकिन बच्चे बहुत कम हाइट के रह गए। इन बच्चों की हाइट ऐसी है, जिसमें बच्चों को बौना कहा जाता है। अब कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा एक तरफ जहां इन बच्चों का इलाज कराया जाएगा, वहीं दूसरी तरफ उनकी शिक्षा की भी सारी व्यवस्था की जा रही है। बाणगंगा क्षेत्र में स्थित चित्रा नगर में रहने वाले संजू पाटील के साथ उनके दो बच्चे संध्या पाटील और वीरेंद्र पाटील कल बुधवार को कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर आशीष सिंह से मिलने के लिए आए थे। इन बच्चों के पिता संजू ने कलेक्टर को बताया कि हम दोनों पति-पत्नी तो स्वस्थ हैं, लेकिन हमारे यह दोनों बच्चे बहुत ही ज्यादा कम हाइट के हैं। इन बच्चों का विकास बराबर नहीं हो पा रहा है।
इन बच्चों की यह बीमारी बहुत रेयर है। इसका इलाज भी बहुत महंगा पड़ रहा है, जो कि मैं नहीं करवा पा रहा हूं। यह दोनों बच्चे स्कूल में अध्ययन कर रहे हैं। बच्चों की स्कूल की फीस और शिक्षण सामग्री का खर्चा भी बहुत ज्यादा आता है। उन्होंने कलेक्टर से मदद करने के लिए गुहार लगाई। कलेक्टर ने मानवीय संवेदना के इस मामले को गंभीरता के साथ लिया। उन्होंने तत्काल डिप्टी कलेक्टर अजीत श्रीवास्तव को निर्देश दिया कि इन बच्चों के शिक्षण और उपचार के सारे खर्चे के लिए जानकारी तैयार करें।
इन बच्चों को चलने के लिए ट्राइसिकल की आवश्यकता थी। इस आवश्यकता को देखते हुए कल ही बच्चों के लिए ट्राइसिकल ऑर्डर की गई है। आज गुरुवार के दिन ही बच्चों को ट्राइसिकल दे दी जाएगी। इन बच्चों के पिता से कहा गया कि बच्चों के लिए आवश्यक मल्टी विटामिन की दवाई बाणगंगा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर वहां से फ्री में प्राप्त कर लिया करें। इस पर उन्होंने बताया कि वह वहां गए थे तो स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने जानकारी दी कि यहां का बजट समाप्त हो गया है और दवाई अभी नहीं है। इस पर उन्हें फिर से उसी स्वास्थ्य केंद्र पर जाने के लिए कहा गया।
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