
इन्दौर। ब्रेन हेमरेज के चलते इलाज के दौरान ब्रेनडेड होने के बाद हाईकोर्ट एडवोकेट अभिजीता राठौर के परिजनो की सहमति से हुए उनके अंगदानो से जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए शहर में आज 65वीं बार 2 ग्रीन कॉरिडोर बनने जा रहे हैं। ब्रेन डेड अभिजीता की 2 किडनी और लीवर के दान से 3 जरूरतमन्द मरीजों को आज नई जिंदगी मिल सकेगी।
ऑर्गन डोनेशन के जरिये जरूरतमन्द मरीजों को नया जीवन देने के लिए बतौर काउंसलर का काम करने वाले मुस्कान संस्था के सोशल वॉरियर्स संदीपन आर्य ने बताया कि 38 वर्षीय उज्जैन निवासी हाईकोर्ट एडवोकेट अभिजीता ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी, मगर अपने हाईकोर्ट एडवोकेट भाई की व्यस्तता को देखते हुए एलएलएम की डिग्री लेकर भाई के साथ वकालत कर रही थी। इन्हें ब्रेन हेमरेज के चलते इंदौर में जूपिटर विशेष हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। इलाज के दौरान डाक्टर्स ने कल ब्रेनडेड घोषित कर दिया।
इसके बाद राठौर परिवार ने ब्रेनडेड अभिजीता के लगभग 8 अंग आंखें, फेफड़े, दिल, 2 किडनियां, लिवर, स्किन, पैंक्रियाज व छोटी आंत दान में देने की सहमति दी थी, मगर चिकित्सा सम्बन्धित जटिलताओं के चलते फिलहाल लिवर, 2 किडनी स्किन, नेत्र ही दान किए जा रहे हैं। लिवर और किडनी के ट्रांसप्लांट के लिए शहर के 2 निजी अस्पतालों तक 2 ग्रीन कॉरिडोर बनाए जाएंगे । अंगदान किए गए 2 किडनी सहित स्किन डोनेशन के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर टी चोइथराम हॉस्पिटल तक व दूसरा कॉरिडोर लिवर ट्रांसप्लांट के केयर सीएचएल हॉस्पिटल तक बनने जा रहा है। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए हैदराबाद के कीमस हॉस्पिटल से डाक्टर्स की टीम फ्लाइट से इंदौर आ रही है। काउंसलर आर्य के अनुसार लिवर ट्रांसप्लांट 50 वर्षीय मरीज को और 2 किडनियां चोइथराम हास्पिटल में 27 वर्षीय पुरुष और 35 वर्षीय महिला को ट्रांसप्लांट की जाएगी।
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