
मेरठ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( University Grants Commission) के इस फैसले से देश भर के लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ी राहत मिली है। यूजीसी ने देश भर के विश्वविद्यालयों (universities) को कोरोना काल में ली गई हॉस्टल और मेस फीस लौटाने का आदेश दिया है। इस आदेश के मुताबिक मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण (corona infection) के बाद देशभर में लॉकडाउन (lockdown) और बाद में महीनों बंद रहे शैक्षिक संस्थान (Educational Institute) छात्र-छात्राओं से हॉस्टल और मेस फीस नहीं ले सकते।
यदि छात्र अगली कक्षाओं में ही विवि अध्ययनरत हैं तो यह फीस समायोजित करनी होगी। सेक्रेटरी रजनीश जैन ने विवि से आदेशों को लागू करने को कहा है। इस निर्णय से देशभर में लाखों छात्र-छात्राओं को बड़ा फायदा होगा।
इसके बाद 31 दिसंबर 2022 तक प्रवेश निरस्त कराने की स्थिति में शैक्षिक संस्थान अधिकतम एक हजार रुपये ही काट सकेंगे। बाकी समस्त फीस छात्रों को वापस करनी होगी। यूजीसी के अनुसार 31 अक्तूबर के बाद और 31 दिसंबर तक प्रवेश निरस्त की स्थिति में प्रोसेसिंग फीस एक हजार रुपये से अधिक नहीं होगी।
हॉस्टल थे बंद, छात्रों से ली गई फीस
लॉकडाउन के बाद देशभर में शैक्षिक संस्थान लंबे समय तक बंद रहे थे। 2021 के आखिरी महीनों में धीरे-धीरे ऑफ कैंपस गतिविधियां शुरू हुईं। लेकिन हॉस्टल बहुत देर बाद खोले गए। विवि एवं कॉलेज पहले ही हॉस्टल एवं मैस फीस ले लेते हैं, लेकिन इनके बंद होने के बावजूद यह फीस ना तो वापस की गई और ना ही समायोजित। छात्र और परिजन इसके लिए लगातार यूजीसी पहुंच रहे हैं।
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