
उज्जैन । उज्जैन जिले (Ujjain district) में एक पुजारी (Priest) ने मंदिर (Temple) से मूर्ति (statue) ले जाने का किया विरोध तो पंचायत ने तुगलिक फरमान सुनाते हुए उसका हुक्का पानी बन्द करने के साथ बच्चों के बाल काटने से लेकर स्कूल जाने तक रोक लगा दी। इतना ही नहीं गांव में पुजारी की मदद करने वालों और बात करने वालों पर 51 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला सुना दिया। आखिरकार पुजारी कलेक्टर रौशन सिंह के पास पहुंचा और न्याय की गुहार लगाई। कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं।
उज्जैन जिले के बड़नगर तहसील के गांव झलारिया पीर में 300 साल पुराना धर्मराज मंदिर है। गांव की आबादी करीब 4 हजार है। पूनमचंद चौधरी मंदिर के शासकीय पुजारी बताये जाते हैं। वह मंदिर से लगी जमीन पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। विवाद की शुरुआत तब हुई जब गांव के कुछ लोगों ने मंदिर के जीर्णोद्धार के नाम पर रुपये जुटा कर मंदिर दूसरी जगह बनाने का प्रयास किया।
इसका पुजारी परिवार ने विरोध किया। पुजारी ने कोर्ट में दावा लगा दिया। इसके बाद ग्राम पंचायत ने तुगलगी फरमान सुनाते हुए उनका बहिष्कार कर दिया। घटना के बाद पुजारी पूनमचंद चौधरी ने कलेक्टर से शिकायत की। पुजारी की शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए हैं। पुजारी परिवार का आरोप है कि ग्रामीण मंदिर की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।
पुजारी के बहिष्कार का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद हैं। पंचायत के सचिव गोकुल सिंह देवड़ा माइक पर फैसला सुना रहे हैं। ग्रामीण हाथ उठाकर सहमति जताते हुए दिखाई दे रहे हैं। फैसले के अनुसार, कोई ब्राह्मण पुजारी पूनमचंद के घर पूजा पाठ के लिए नहीं जाएगा। यही नहीं कोई नाई उनके यहां दाढ़ी या बाल नहीं काटेगा।
पंचायत ने यह भी कहा कि कोई मजदूर पुजारी के खेत या मकान पर काम नहीं करेगा। कोई सफाईकर्मी उनके घर सफाई नहीं करेगा। पुजारी के यहां किसी आयोजन में कोई नहीं जाएगा। गांव का कोई भी व्यक्ति उनके साथ बैठकर चाय-पानी नहीं पीएगा। गांव के स्कूलों में पढ़ रहे उनके बच्चों को निष्कासित किया जाएगा।
पुजारी के बेटे मुकेश चौधरी ने बताया कि विरोध के बाद उन्हें और परिवार को निशाना बनाकर गांव के प्रभावशाली लोगों ने पंचायत बुलाकर बहिष्कार का फरमान सुनाया है। पंचायत के फैसले के बाद बच्चों को स्कूल से निकाला दिया गया है। पुजारी परिवार के 3 बच्चे हैं जो प्राइवेट स्कूल में कक्षा-3, कक्षा-5 और 8वीं में पढ़ते हैं। स्कूल प्राचार्य का कहना है कि पुजारी का गांव के लोगों से विवाद चल रहा है, इसलिए हम बच्चों को नहीं पढ़ा सकते।
पुजारी पूनमचंद चौधरी ने उज्जैन कलेक्टर को दिए आवेदन में कहा कि कुछ लोग गांव में अवैध मंदिर बना रहे थे। हमारे मंदिर से मूर्ति जबरन ले जा रहे थे। इसका विरोध किया गया तो पंचायत ने उनके परिवार सामाजिक बहिष्कार कर दिया। पंचायत के फरमान के कारण उन्हें किसी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जा रहा, बच्चों की पढ़ाई बंद कर दी गई है। मजदूर तक काम करने नहीं आ रहे हैं। कलेक्टर ने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।
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