
लंदन। ब्रिटेन का सरकारी कर्ज पहली बार दो हजार अरब पाउंड करीब 2,600 अरब डॉलर के पार चला गया है। यह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए भारी मात्रा में उधारी लेने के कारण हुआ है।सांख्यिकी एजेंसी ने कहा कि खुदरा बिक्री में मासिक 3.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई और अब यह महामारी से पहले के स्तर से 3 प्रतिशत ऊपर है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि सरकार ने जुलाई में 26.7 अरब पाउंड का कर्ज लिया, जो 1993 में रिकॉर्ड रखे जाने की शुरुआत के बाद से किसी भी महीने की चौथी सबसे बड़ी उधार राशि थी। इसने कर्ज को बढ़ाकर 2,004 अरब पाउंड पर पहुंचा दिया।
कर्ज में वृद्धि से यह भी पहली बार हुआ है कि ब्रिटेन का कुल कर्ज उसके कुल आर्थिक उत्पादन मूल्य से अधिक हो गया है। अब ब्रिटेन का कर्ज उसके वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी) के 100.5 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह 1961 के बाद पहली बार है, जब ब्रिटेन का कर्ज जीडीपी के 100 प्रतिशत से अधिक हुआ है।
सार्वजनिक वित्तीय स्थिति में यह गिरावट बड़े पैमाने पर उन समर्थन योजनाओं के कारण हुई है, जो सरकार ने पिछले कुछ महीनों में महामारी के आर्थिक झटके से निपटने के लिए शुरू की है। महामारी के कारण ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था पहले ही लगभग 20 प्रतिशत गिर चुकी है। ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि इस संकट ने सार्वजनिक वित्त को दिक्कतों में डाल दिया है। हमने अपनी अर्थव्यवस्था को संभालने का प्रयास किया है और लाखों नौकरियों, व्यवसायों व आजीविका का समर्थन करने के उपाय किए हैं। उस समर्थन के बिना चीजें बहुत खराब हो जातीं।
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