मॉस्को। रूसी ड्रोन (Russian drones) हमलों के बीच यूक्रेनी सैनिक (Ukrainian soldiers) तेजी से काम करने और रिमोट से चलने वाले बख्तरबंद वाहनों का रुख कर रहे हैं। यह बख्तरबंद वाहन अनेक काम कर सकते हैं और जानलेवा मिशनों के दौरान सैनिकों की जान बचा सकते हैं। यूक्रेनी सेना खास तौर पर रोबोट का इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक है, क्योंकि साढ़े तीन साल से भी अधिक समय से जारी युद्ध में वह सैनिकों की कमी का सामना कर रही है। ये वाहन छोटे टैंकों जैसे दिखते हैं और रसद पहुंचा सकते हैं, बारूदी सुरंग हटा सकते हैं और घायलों या मृतकों को निकाल सकते हैं। इन रोबोट को ‘रोबोट ऑन व्हील्स’ कहा जाता है।
द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने एक रिमोट से चलने वाले लघु टैंक का इस्तेमाल किया था, जिसे गोलियथ कहा जाता था। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के फेलो बेन बैरी के अनुसार, हाल के दशकों में, अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन और चीन ने युद्ध इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक संस्करण विकसित किए हैं।
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