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सैनिकों की जान बचाने को यूक्रेन ने तैयार किया ‘रोबोट ऑन व्हील्स’

September 23, 2025

मॉस्‍को। रूसी ड्रोन (Russian drones) हमलों के बीच यूक्रेनी सैनिक (Ukrainian soldiers) तेजी से काम करने और रिमोट से चलने वाले बख्तरबंद वाहनों का रुख कर रहे हैं। यह बख्तरबंद वाहन अनेक काम कर सकते हैं और जानलेवा मिशनों के दौरान सैनिकों की जान बचा सकते हैं। यूक्रेनी सेना खास तौर पर रोबोट का इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक है, क्योंकि साढ़े तीन साल से भी अधिक समय से जारी युद्ध में वह सैनिकों की कमी का सामना कर रही है। ये वाहन छोटे टैंकों जैसे दिखते हैं और रसद पहुंचा सकते हैं, बारूदी सुरंग हटा सकते हैं और घायलों या मृतकों को निकाल सकते हैं। इन रोबोट को ‘रोबोट ऑन व्हील्स’ कहा जाता है।



बीसवीं ल्यूब्रट ब्रिगेड की पलटन के कमांडर ने नाम सार्वजनिक नहीं करने की शर्त पर कहा कि यह रोबोट पूरी तरह से सैनिकों की जगह नहीं ले सकता। रोबोटिक वाहन ज्यादातर यूक्रेनी कंपनियां बनाती हैं और उनकी लागत उनके आकार व क्षमताओं के आधार पर लगभग 1,000 डॉलर से लेकर 64,000 डॉलर तक होती है। हालांकि, ये वाहन 1,000 किलोमीटर की अग्रिम पंक्ति में यूक्रेनी सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, लेकिन युद्ध के लिए ऐसे वाहन नए नहीं हैं।

द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मन सेना ने एक रिमोट से चलने वाले लघु टैंक का इस्तेमाल किया था, जिसे गोलियथ कहा जाता था। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के फेलो बेन बैरी के अनुसार, हाल के दशकों में, अमेरिका, इजराइल, ब्रिटेन और चीन ने युद्ध इंजीनियरिंग और अन्य क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जाने वाले आधुनिक संस्करण विकसित किए हैं।

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