
नई दिल्ली । रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War)को शुरू हुए 3 साल हो चुके हैं। इस दौरान अमेरिका(America) ने रूस पर सख्ती(Tough on Russia) दिखाई, लेकिन अब—जब जंग अपने सबसे हिंसक दौर (The most violent period)में है, डोनाल्ड ट्रंप के राज में अमेरिकी विदेश विभाग ने अचानक रूस को बधाई संदेश भेज दिया। ये वही अमेरिका है, जिसने जो बाइडेन कार्यकाल के दौरान 2024 में रूस पर प्रतिबंधों की झड़ी लगाई थी। अब अमेरिकी सरकार के नए रुख ने सभी को चौंका दिया है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने न सिर्फ रूस के लोगों को शुभकामनाएं दीं, बल्कि कहा कि अमेरिका अब भी “स्थायी शांति” के लिए रूस से रचनात्मक संवाद को तैयार है।
मामला क्या है
दरअसल, अमेरिका ने रूस और रूसी जनता को उसके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी है। अमेरिका का यह कदम तीन साल से चल रहे युद्ध के बीच पहली बार सामने आया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को बयान जारी कर कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका रूस की जनता के उज्जवल भविष्य के सपनों के प्रति प्रतिबद्ध है और चाहता है कि हम रचनात्मक संवाद के जरिए यूक्रेन युद्ध का टिकाऊ समाधान निकाल सकें।”
यह बयान पूर्ववर्ती बाइडेन प्रशासन के रुख से अलग है, जिसने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद से रूस को कोई आधिकारिक बधाई नहीं दी थी। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहला मौका है जब अमेरिका ने रूस को सार्वजनिक रूप से बधाई दी है।
दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने अमेरिकी बधाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह बहुत सकारात्मक संकेत है। इससे पता चलता है कि अमेरिका की मौजूदा सरकार अब भी सबसे कठिन मुद्दों को संवाद से सुलझाने की पक्षधर है।”
2024 में बधाई की जगह थे प्रतिबंध
गौरतलब है कि 2024 में, अमेरिका ने रूस के नेशनल डे पर बधाई की जगह नई आर्थिक प्रतिबंधों की घोषणा की थी और यूक्रेन के समर्थन में बयान जारी किया था।
ट्रंप का 100 दिनों में युद्ध खत्म करने का वादा!
राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को 100 दिनों में खत्म करने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। कुछ दिनों पहले ही ट्रंप ने एक बयान में कहा था कि “शायद रूस और यूक्रेन को थोड़ी देर और लड़ने देना पड़े, फिर हम कोई शांति समझौता करवा सकते हैं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया था कि अगर युद्ध नहीं थमा, तो अमेरिका दोनों देशों पर नई सख्त पाबंदियां भी लगा सकता है।
कूटनीतिक संतुलन की कोशिश
अमेरिका का यह नया रुख बताता है कि ट्रंप प्रशासन अब रूस के साथ पूरी तरह से दूरी बनाए रखने के बजाय संवाद के जरिए समाधान निकालने की नीति पर चलना चाहता है। हालांकि, यूक्रेन को लेकर अमेरिका की प्रतिबद्धता भी कायम है।
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