मॉस्को। रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine) के बीच जारी जंग में सीजफायर (Ceasefire) की सभी कोशिशें नाकाम होती नजर आ रही है। बुधवार को दोनों देशों के बीच लगभग 7 सप्ताह के बाद सीधी बातचीत की संभावना है, जिसके लिए दोनों देशों के अधिकारी तुर्की जा रहे हैं। हालांकि संघर्षविराम की शर्तों पर किसी भी पक्ष की सहमति मिलना बेहद मुश्किल है। रूस ने खुद कहा है कि यह एक कठिन कार्य होने वाला है। इन सब के बीच रूस ने इन दिनों यूक्रेन के एक शहर को जीतने के लिए पूरी जी जान लगा दी है।
पोक्रोवस्क नाम के इस शहर पर कब्जा करने के लिए रूस कड़ी मेहनत कर रहा है। जानकारी के मुताबिक रूस पोक्रोवस्क के दक्षिणी और पूर्वी इलाके में कई गांवों पर कब्जा कर चुका है और फिलहाल रूसी सैनिक इस शहर पर किसी भी हाल में नियंत्रण चाहते हैं। यूक्रेन का कहना है कि 1 लाख से ज्यादा सैनिक इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं।
रूस पोक्रोव्स्क पर क्यों करना चाहता है कब्जा?
रूसी इस शहर को क्रास्नोआर्मेस्क नाम से पुकारते हैं। पोक्रोवस्क यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क स्थित एक छोटा सा, लेकिन महत्वपूर्ण शहर है। यह इस इलाके में रोड और रेलवे का हब है। रूस के मुताबिक उसके सैनिकों ने यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और इस क्षेत्र में 70 फीसदी से ज्यादा जमीन पर उसका नियंत्रण है। वहीं यूक्रेन ने इन दावों को खारिज किया है।
पोक्रोव्स्क को डोनेट्स्क क्षेत्र का प्रवेश द्वार कहा जाता है। साथ ही इस शहर के उत्तर-पूर्व में स्थित कोस्तियान्तिनिव्का पर कब्जा करने से रूस को डोनेट्स्क में बचे हुए दो सबसे बड़े यूक्रेनी-नियंत्रित शहरों, क्रामाटोर्स्क और स्लोवियास्क की ओर बढ़ने का एक रास्ता भी मिल जाएगा। पोक्रोव्स्क पर नियंत्रण कर रूस पूर्वी मोर्चे पर यूक्रेन की सप्लाई लाइनों को और तबाह कर चासिव यार पर कब्जा करने के अभियान को आगे बढ़ाना चाहता है। इस पर नियंत्रण हासिल करने से रूस को यूक्रेन के पश्चिम में स्थित द्निप्रोपेत्रोव्स्क क्षेत्र पर हमला करने के और विकल्प मिलेंगे।
यूक्रेन जानता है रूस की चाल
वहीं यूक्रेन भी रूस के इरादों से वाकिफ है। यूक्रेन के शीर्ष सैन्य कमांडर ने शुक्रवार को कहा है कि उनकी सेनाएं डटी हुई हैं। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि रूस ने उनकी सेना पर ग्लाइड बम और ड्रोन से लगातार हमला किया है। अधिकारियों के मुताबिक पोक्रोव्स्क क्षेत्र में रूस के 1,11,000 सैनिक मौजूद हैं।
जंग में तबाह हुआ पोक्रोवस्क
इस बीच पोक्रोवस्क जंग में पूरी तरह तबाह हो चुका है। यहां बिजली, गैस, हीटिंग या पानी की कोई व्यवस्था नहीं बची है। बीते दिनों रॉयटर्स द्वारा जारी एक फुटेज में बुरी तरह क्षतिग्रस्त मकाने और मलबे से पटी सुनसान सड़कें दिखाई दे रही थीं। वहीं चारों तरफ गोलियों और धमाकों की आवाजें भी सुनाई दे रही थीं। युद्ध शुरू होने से पहले इसकी आबादी करीब 60 हजार थी, जिनमें से अधिकतर लोग अब पलायन कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक अब यहां महज 1,500 लोग बचे हैं।
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