
नई दिल्ली। कांग्रेस (Congress) ने बुधवार को केंद्र सरकार (Central Government) पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि बीते 11 वर्षों से देश में अघोषित आपातकाल (Undeclared Emergency) लागू है। भारतीय लोकतंत्र (Indian Democracy) पर व्यवस्थागत और खतरनाक तरीके से पांच गुना ज्यादा हमला किया जा रहा है, जिसे अघोषित आपातकाल कहना सही होगा। कांग्रेस ने दावा किया कि देश में बेलगाम नफरती भाषण दिए जा रहे हैं और नागरिक अधिकारों (Civil Rights) का दमन किया जा रहा है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘सरकार के आलोचकों को बदनाम किया जा रहा है। सत्ता में बैठे लोगों द्वारा नफरत और कट्टरता फैलाई जा रही है। प्रदर्शन करने वाले किसानों को खालिस्तानी करार दिया जा रहा है और जाति जनगणना की मांग करने वालों को शहरी नक्सली बताया जा रहा है।’ जयराम रमेश ने कहा कि ‘महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जा रहा है, अल्पसंख्यक डर में जी रहे हैं, दलित और अन्य हाशिए पर पड़े वर्गों पर निशाना साधा जा रहा है, मंत्री नफरती भाषण दे रहे हैं और उसके बदले उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है।’
कांग्रेस का यह बयान ऐसे समय आया है, जब केंद्र सरकार ‘संविधान हत्या दिवस’ मना रही है। आज देश में आपातकाल लागू हुए पूरे 50 साल बीत गए हैं। इंदिरा गांधी ने साल 1975 में देश में आपातकाल लगाया था। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाने के लिए आधिकारिक तौर पर माफी नहीं मांगी है। अगर तानाशाह गांधी-वाड्रा परिवार में जरा भी लोकतांत्रिक मूल्य बचा है तो उन्हें 50 साल पहले आपातकाल लगाने के लिए देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। गांधी-वाड्रा परिवार ने इस देश के संविधान की हत्या की, लोकतंत्र को खत्म किया और बुनियादी अधिकारों को छीना। यह सब अपनी सत्ता को बचाने के लिए किया गया।’
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