
इंदौर। जनजातीय समुदायों के विकास के लिए केंद्र सरकार की पहल धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत हाल ही में एमपी टूरिज्म बोर्ड ने दो जिलों के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजे हैं। मंजूरी मिलते ही इस योजना के तहत प्रदेश में अतिरिक्त होम स्टे तैयार किए जाएंगे। इसमें भी प्राथमिकता नर्मदा किनारे बसे गांवों को दी गई है। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के प्रदेश के पहले चरण के लिए विभाग ने दो जिलों डिंडौरी और अनूपपुर को चुना है। इन दोनों जिलों के 26 गांवों में कुल 260 (प्रत्येक गांव में 10) होम स्टे इस योजना के तहत तैयार किए जाएंगे, जिसे चिह्नित कर लिया गया है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलते ही विभाग इस पर काम शुरू कर देगा। योजना में उन गांवों को शामिल किया गया है, जिनकी आबादी 500 से अधिक है। इस अभियान के तहत परिवारों को पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अपने घरों को होम स्टे में बदलने के लिए 5 लाख रुपए तक की सब्सिडी राशि भी दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अभियान में 25 प्रकार की नागरिक सेवाएं और सुविधाएं जनजातीय समुदायों को प्रदान की जाएंगी, जिसके लिए 18 विभाग साथ मिलकर काम करेंगे। इसमें पर्यटन विभाग भी शामिल है, जिसने इसी के तहत ये प्रस्ताव तैयार कर भेजा है। इसके तहत जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही गांवों में सडक़, पानी, बिजली जैसी बुनियादी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा। इसके तहत पूरे देश में 1 हजार होम स्टे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
केवल होम स्टे ही नहीं आमदनी बढ़ाने के तमाम प्रयास
एमपी टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक विभाग इसके तहत केवल होम स्टे ही नहीं तैयार करेगा, बल्कि अन्य विभागों के साथ मिलकर इन गांवों में निवास करने वालों की आमदनी बढ़ाने का प्रयास भी करेगा। इन क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा जनजातीय बहुउद्देशीय विपणन केंद्र (टीएमएमसी) शुरू करने के प्रयास भी किए जाएंगे, जिससे कि इनकी कला, संस्कृति, चित्रकारी और अन्य परंपरागत चीजों और कलाओं को बढ़ावा मिल सके और ये अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। यानी यहां ग्राम प्रवेश गतिविधियां होंगी, जो लोगों को सीधे इससे जोड़ेंगी। विभाग को इसी योजना के लिए कुछ अन्य जिलों से भी प्रस्ताव मिले हैं, जिन पर विभाग अभी काम कर रहा है।
ग्राम पर्यटन समिति करेगी मदद
यूं तो विभाग ग्राम पर्यटन समिति का गठन करता है और ये समिति ही होम स्टे वाले गांवों में इन्हें जोड़े रखने का काम करती है, लेकिन इसके तहत बनाई गई ग्राम पर्यटन समिति को 10 लाख तक का कोरपस फंड भी दिया जाएगा। यानी होम स्टे बनाने वाले फंड की कमी होने पर अपनी ही समिति से लोन लेकर उस गांव में काम कर सकेंगे और अपनी कला को बढ़ावा दे सकेंगे। विभाग ने नर्मदा किनारे के इन गांवों में एस्ट्रो एक्टिविटी करवाने की योजना बनाई है। सभी विभाग मिलकर इन गांवों में बुनियादी सुविधाएं देने का काम योजनाबद्ध तरीके से करेंगे।
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