
नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Khadge) ने कहा कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में (Under the leadership of Justice Surya Kant) कानून के शासन में जनता का भरोसा और मजबूत होगा (Public confidence in the Rule of Law will be further Strengthened) । मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर हार्दिक बधाई दी ।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने पर मेरी तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं। उनकी पदोन्नति हमारे जस्टिस सिस्टम के लिए एक अहम मोड़ पर 14 महीने के कार्यकाल की शुरुआत है।” खड़गे ने आगे कहा कि मुझे विश्वास है कि जस्टिस सूर्यकांत के नेतृत्व में संवैधानिक मूल्य, संस्थागत ताकत और कानून के शासन में जनता का भरोसा और मजबूत होगा, जिससे हर नागरिक के लिए न्याय का वादा आगे बढ़ेगा।”
बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में जस्टिस सूर्यकांत को भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) के तौर पर पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रपति भवन में हुए समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। शपथ समारोह में भूटान, केन्या, मलेशिया, ब्राजील, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका के मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के जज भी शामिल हुए। जस्टिस सूर्यकांत ने सीजेआई भूषण आर गवई की जगह ली है। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीजेआई गवई की सिफारिश के बाद ‘संविधान के आर्टिकल 124 के क्लॉज (2) द्वारा दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए’ जस्टिस सूर्यकांत को भारत का अगला चीफ जस्टिस नियुक्त किया।
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। उन्होंने 1984 में हिसार से अपनी लॉ यात्रा शुरू की और फिर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए चंडीगढ़ चले गए। इस दौरान उन्होंने कई तरह के संवैधानिक, सर्विस और सिविल मामलों को संभाला, जिसमें यूनिवर्सिटी, बोर्ड, कॉर्पोरेशन, बैंक और यहां तक कि खुद हाईकोर्ट को भी रिप्रेजेंट किया।
जुलाई 2000 में उन्हें हरियाणा का सबसे कम उम्र का एडवोकेट जनरल बनाया गया। इसके बाद, 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट बनाया गया और 9 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का परमानेंट जज बनाया गया। बाद में, उन्होंने अक्टूबर 2018 से 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में अपनी पदोन्नति तक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के तौर पर काम किया। नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी के चेयरमैन के तौर पर काम कर रहे हैं।
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