
नई दिल्ली । सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने सवाल किया कि आखिर किस दबाव में (Under what Pressure) सरकार ने सीजफायर स्वीकार किया (Did the government accept Ceasefire) ? “जब हमारी फौज पाकिस्तान को हमेशा के लिए एक पाठ पढ़ा सकती थी, एक ऐसा संदेश जाता कि पाकिस्तान कभी हिम्मत नहीं करता, लेकिन सरकार पीछे कैसे हट गई?”
अखिलेश यादव ने पहलगाम हमले के पीछे ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ को कारण बताया। उन्होंने सवाल उठाए, “सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी कौन लेगा? यह घटना ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ की वजह से हुई। जब पहलगाम हुआ, उस समय पर्यटक पूछ रहे थे कि खतरों के बीच रक्षा करने वाला वहां कोई क्यों नहीं था? वहां कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था?”
इस दौरान उन्होंने पुलवामा की घटना का भी जिक्र किया और कहा कि वह घटना भी ‘इंटेलिजेंस फेलियर’ के कारण थी। सपा प्रमुख ने यह भी कहा कि बात पक्ष विपक्ष की नहीं है, देश की सुरक्षा और जनता के जीवन की है। पहलगाम की घटना ने साबित कर दिया है कि लापरवाही देशवासियों की जान ले सकती है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार बताए कि भविष्य में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं। अखिलेश यादव ने सदन में बात उठाई कि ऐसी रणनीति क्यों नहीं बनाई जाती है कि हमेशा के लिए सीमा शांत रहे।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने चीन के विषय पर सरकार को सावधान किया है। लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि हमें चीन से उतना ही खतरा है जितना हमारे देश को आतंकवाद से खतरा है। लोकसभा में अखिलेश यादव ने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद आ रहा है, लेकिन इस मुल्क के पीछे चीन खड़ा है, जिससे हमें सावधान रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी ने हमेशा देश की सरकारों को चेताया है कि हमारा खतरा पाकिस्तान नहीं है, बल्कि चीन है। न सिर्फ वह (चीन) समय-समय पर हमारी जमीन छीन रहा है, बल्कि हमारे बाजार को भी छीनने का काम कर रहा है।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख ने यह भी मांग की कि सरकार को डिफेंस बजट को भी बढ़ाना चाहिए और यह जीडीपी का कम से कम 3 प्रतिशत होना चाहिए। लोकसभा में सपा प्रमुख ने ‘ऑपरेशन महादेव’ की टाइमलाइन पर सवाल उठाए। उन्होंने सवाल किया कि ‘पहलगाम के आतंकवादियों का एनकाउंटर कल (28 जुलाई) ही क्यों हुआ?” सदन में अखिलेश यादव ने ‘अग्निवीर’ का विषय भी उठाया। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है जब इतनी महत्वपूर्ण बहस हो रही है तो सरकार अपनी अग्निवीर वाली योजना को वापस लेने का काम करेगी।”
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