
इंदौर। अंतत: इंदौर मेट्रो का अंडरग्राउंड यानी भूमिगत मार्ग के निर्माण का काम भी रीगल तिराहे से शुरू हो गया है। दूसरी तरफ एयरपोर्ट से गांधी नगर को जोडऩे का भी भूमिगत मार्ग तैयार किया जाएगा, ताकि एयरपोर्ट से लेकर विजय नगर तक मेट्रो का संचालन अगले एक साल में शुरू किया जा सके, क्योंकि अभी 6 किलोमीटर के एलिवेटेड कॉरिडोर पर यात्रियों की संख्या घट गई है।
जब तक मुफ्त सफर था, तब से 20 से 25 हजार यात्री रोजाना सफर कर रहे थे। भूमिगत मेट्रो 8 किलोमीटर लम्बी रहेगी, जो कि एमजी रोड से राजवाड़ा होते हुए एयरपोर्ट तक बनेगी। वहीं अभी यह खबर भी आई कि भोपाल और इंदौर मेट्रो की लागत में भी बड़ा इजाफा लेट-लतीफी के चलते हो गया है।
इंदौर मेट्रो के पहले चरण पर साढ़े 7 हजार करोड़ रुपए की बड़ी राशि खर्च की जा रही है, जिसमें 32 किलोमीटर का कॉरिडोर तैयार होना है, जिसमें 8 किलोमीटर का हिस्सा अंडरग्राउंड यानी भूमिगत रहेगा और शेष लगभग 24 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा। इसमें से अभी गांधी नगर से लेकर रेडिसन तक 17 किलोमीटर के कॉरिडोर पर तेजी से काम चल रहा है और अब उसके आगे रोबोट चौराहा और फिर खजराना से पलासिया के बीच भी काम होना है।
अंडरग्राउंड यानी भूमिगत रुट को लेकर मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया और रुट बदलने की मांग भी की, जो फिलहाल मंजूर नहीं हो सकी है। दूसरी तरफ लगभग 2200 करोड़ रुपए की राशि का टेंडर मेट्रो कॉर्पोरेशन ने अंडरग्राउंड रुट के लिए पिछले दिनों मंजूर कर दिया और उसके साथ ही सर्वे भी शुरू किया और मिट्टी परीक्षण के साथ अब रीगल तिराहे से अंडरग्राउंड रुट निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
पलासिया के आगे तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा और उसके बाद मेट्रो जमीन में उतरेगी और फिर एमजी रोड पर ट्रेजर आईलैंड मॉल के पहले से मेट्रो अंडरग्राउंड होना शुरू होगी और हाईकोर्ट के भीतर भी अंडरग्राउंड का काम शुरू होगा और रीगल पर भी जो पुलिस मुख्यालय है उसकी भी जमीन स्टेशन के लिए ली जा रही है। फिलहाल रीगल और रेलवे स्टेशन से राजवाड़ा, रामचंद्र नगर और एयरपोर्ट तक के अंडरग्राउंड ट्रैक का काम शुरू किया जा रहा है और पलासिया, एमजी रोड का काम उसके बाद होगा।
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