
जयपुर । वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक गहलोत (Senior Congress leader Ashok Gehlot) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा नया कानून लाने की ‘नकारात्मक सोच’ (Union Home Minister Amit Shah’s ‘Negative Thinking’ of bringing New Law) अंततः भाजपा सरकार को ले डूबेगी (Will ultimately sink the BJP Government) । गहलोत ने कहा कि इस कानून को लाने की ज़रूरत क्यों पड़ी, यह समझ से परे है।
अशोक गहलोत ने इस नए कानून को राहुल गांधी की ‘वोट चोरी’ को लेकर शुरू हुई यात्रा से जोड़ा। उन्होंने कहा कि जैसे ही राहुल गांधी की यात्रा को शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है और बिहार में जनता सड़कों पर उतर आई है, अचानक अमित शाह यह नया कानून लेकर आ गए। इस कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति 30 दिन तक जेल में रहता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना होगा।
गहलोत ने सवाल उठाया कि देश में ऐसी कौन सी स्थिति आ गई है, जो इस तरह के कानून की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि पहले भी कई बड़े नेता, जैसे जयललिता और लालू यादव, जेल जाने के बाद भी अपने पदों पर बने रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कानून लोगों में भय पैदा करने के लिए लाया गया है, खासकर तब जब ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई जैसी एजेंसियां पहले से ही दबाव में काम कर रही हैं।
अशोक गहलोत ने अमित शाह को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल से प्रेरणा लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाजपा पटेल की बात करती है और उनका स्मारक भी बनाया है, तो कम से कम पटेल के व्यवहार और सोच से कुछ तो सीखें। गहलोत ने सवाल किया कि क्या पटेल की सोच भी ऐसी ही थी जैसी आज अमित शाह की है? उन्होंने कहा कि गृह मंत्री का पद बहुत सम्मानित होता है, जो देश की आंतरिक सुरक्षा का ध्यान रखता है।
गहलोत ने मणिपुर हिंसा का उदाहरण देते हुए कहा कि अमित शाह प्रधानमंत्री को मणिपुर जाने के लिए नहीं मना पाए, जबकि वहाँ लोग मर रहे हैं और महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष में होते हुए राहुल गांधी दो बार मणिपुर जा सकते हैं, तो प्रधानमंत्री को वहाँ जरूर जाना चाहिए था।
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