
नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister)अमित शाह(Amit Shah)(ने माओवादियों के साथ किसी भी तरह की बातचीत से साफ इनकार किया है। रविवार को उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित संगठन(organization) के कार्यकर्ताओं को हथियार छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण(mainstream) कर देना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा, ‘हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो। अगर आप आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो हमने तय किया है कि 31 मार्च 2026 से पहले इस देश से नक्सलवाद को मिटा दिया जाएगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 10 हजार लोगों ने हथियार छोड़ दिए और मुख्यधारा में शामिल हो गए। शाह ने कहा कि इन लोगों ने तालुक स्तर से लेकर राज्य विधानसभाओं तक के पदों के लिए हुए चुनावों में भी हिस्सा लिया। इसी तरह पिछले डेढ़ साल में 2,000 से ज्यादा माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन करने के बाद अमित शाह ने रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल उठा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ऑपरेशन के प्रभाव को समझने के लिए पाकिस्तान की कमजोर छवि देखनी चाहिए। शाह ने कहा, ‘कांग्रेस इन लोगों (माओवादियों) से बातचीत करने को कहती है। हमारी सरकार की हथियार रखने वालों से बात नहीं करने की नीति है। हथियार छोड़ दें, आत्मसमर्पण करें और मुख्यधारा में शामिल हों।
मध्य प्रदेश में नक्सल समस्या खात्मे की ओर: डीजीपी
दूसरी ओर, मध् यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना ने रविवार को दावा किया कि सूबे में केवल एक जिले में सीमित नक्सल समस्या भी अब खात्मे की ओर है। राज्य पुलिस ने पिछले छह महीने के भीतर मुठभेड़ों में 10 नक्सलियों का सफाया करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने देश भर में नक्सलवाद को मार्च 2026 तक पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। मकवाना ने इंदौर जोन के पुलिस अधिकारियों की बैठक के दौरान बताया, ‘नक्सल समस्या कई वर्षों से देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। हालांकि, मध्यप्रदेश में मोटे तौर पर नक्सल समस्या से केवल बालाघाट जिला प्रभावित है।’ उन्होंने बताया कि प्रदेश पुलिस ने पिछले छह महीने के दौरान मुठभेड़ों में 10 नक्सलियों का खात्मा किया है और यह एक रिकॉर्ड है।
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