
नई दिल्ली । केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Union Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने लोकसभा में (In Lok Sabha) ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ बिल (‘One Nation One Election’ Bill) पेश किया (Introduced) । मंगलवार को इस बिल को पेश करने के बाद मेघवाल ने अनुरोध किया कि इसे विचार-विमर्श के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा जाए।
बिल को पेश किए जाने के बाद कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, शिवसेना उद्धव गुट समेत कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि जो एक साथ 8 राज्यों में विधानसभा चुनाव नहीं करा पाए वह पूरे देश में एक साथ चुनाव की बात करते हैं। वहीं, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “हम इस बिल का कड़े शब्दों में विरोध करते हैं। इस बिल के जरिए राष्ट्रपति को ज्यादा शक्ति दी गई है कि वह अब 82 ए के द्वारा विधानसभा को भंग कर सकती हैं। ये अतिरिक्त शक्ति राष्ट्रपति के साथ चुनाव आयोग को भी दी गई है। 2014 के चुनाव में 3700 करोड़ खर्च हुआ, इसके लिए ये असंवैधानिक कानून लाए हैं। संविधान में लिखा है कि पांच साल के कार्यकाल से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। वन नेशन, वन इलेक्शन बिल पूरे भारत के चुनाव को प्रभावित करेगा, हम ये नहीं होने देंगे। हम इसका विरोध करते हैं। इस बिल को जेपीसी में भेजा जाए।”
वहीं, तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक का समर्थन किया। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि एक साथ चुनाव होने से देश का पैसा बचेगा। अगर एक साथ चुनाव होते हैं, तो लगभग 40 प्रतिशत खर्च बचेगा। इसी तरह हर पार्टी का पैसा भी बचेगा। लोकसभा में डीएमके सांसद टीआर बालू ने भी वन नेशन, वन इलेक्शन बिल को संविधान विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास दो तिहाई बहुमत नहीं है, तो फिर उसे किस तरह से ये बिल लाने की अनुमति दी गई? इस पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मैंने अभी इजाजत नहीं दी है। इन्होंने प्रस्ताव रखा है। टीआर बालू ने इसके बाद कहा कि सरकार को यह बिल वापस ले लेना चाहिए।
वन नेशन वन इलेक्शन बिल को लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया है. ईवीएम के जरिए कराई गई वोटिंग में बिल के पक्ष में 269 वोट पड़े, जबकि विरोध में 198 वोट डाले गए. पहले ईवीएम के जरिए वोट पड़े फिर अपना वोट बदलने के इच्छुक सांसदों को पर्ची दी गई । वन नेशन वन इलेक्शन बिल के स्वीकार किए जाने के बाद लोकसभा की कार्यवाही को 3 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
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