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अयोध्या से इंदौर तक अनोखी सीताराम डाक कावड़, नॉनस्टॉप रिले दौड़

July 22, 2025

  • 1100 किमी दौड़ते हुए 72 घंटे में इंदौर पहुंचेंगे शिवभक्त

इंदौर, कमलेश्वरसिंह सिसोदिया। सावन के महीने में भगवान शिव की भक्ति चारों ओर हो रही है। इस दौरान कावड़ यात्राएं भी निकाली जाती हैं। इंदौर में 10 वर्षों से अनोखी, अद्भुत सीताराम डाक कावड़ निकाली जा रही है, जिसमें एक कावड़ को बारी-बारी से लेकर कावडि़ए दौड़ते हैं। इस बार अयोध्या से 1100 किलोमीटर होते हुए नॉनस्टॉप सुपरफास्ट सीताराम डाक कावड़ मात्र 72 घंटे में इंदौर पहुंचेगी। इसके लिए बड़े स्तर पर तैयारी भी शुरू हो चुकी है।

पूर्वी क्षेत्र अरण्य धाम संत आश्रम स्कीम नंबर 78 के महंत महामंडलेश्वर रामजी बाबा ने बताया कि वर्ष 2015 से लगातार अलग-अलग देवस्थानों एवं पवित्र नदियों के जल से सीताराम डाक कावड़ निकाली जा रही है। इस बार भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या से नॉनस्टॉप सीताराम डाक कावड़ 29 जुलाई को अभिजीत मुहूर्त में शुरू होगी, जो बारी-बारी से दौड़ते हुए लखनऊ ,कानपुर ,कालपी, झांसी, शिवपुरी, गुना, शाजापुर, मक्सी, देवास होते हुए 72 घंटे में 1 अगस्त को इंदौर पहुंचेगी। इंदौर से 26 जुलाई शाम को हनुमानजी की महाआरती करने के पश्चात 200 कावडि़ए वाहनों के काफिलों के साथ अयोध्या के लिए रवाना होंगे।


3 तरह की कावड़ चलन में
महामंडलेश्वर रामजी बाबा ने बताया कि सावन के महीने में तीन अलग-अलग तरह की कावड़ लेकर शिवभक्त निकलते हैं। पहली पैदल कावड़। इसमें अपने गंतव्य स्थान से कावड़ में जल भरकर दिन के समय पैदल कावडि़ए निकलते हैं और रात्रि में विश्राम करते हैं। अगले दिन सुबह फिर कावड़ लेकर चलना शुरू करते हैं। हमारे यहां पैदल कावड़ का चलन खूब है। दूसरी अखंड कावड़। इस कावड़ यात्रा में भक्त कावड़ लेकर दिन और रात दोनों समय चलते रहते हैं। इसे अखंड कावड़ कहा जाता है। तीसरी डाक कावड़। इसमें कावड़ तो एक ही रहती है, लेकिन बारी-बारी से भक्त लेकर दौड़ते हैं और गंतव्य तक पहुंचते हैं। इस प्रकार की कावड़ का चलन उत्तराखंड, झारखंड में ज्यादा है।

10 वर्षों का डाक कावड़ सफर
सुपरफास्ट सीताराम डाक कावड़ का यह 11 वर्ष है । वर्ष 2015 में अरण्य धाम संत आश्रम से यह अनोखी सीताराम डाक कावड़ शुरू हुई। शुरुआत में तीन- चार वर्षों तक ओंकारेश्वर से महाकालेश्वर लगातार दौड़ते हुए कावड़ पहुंची। इसके बाद ओंकारेश्वर से स्कीम नंबर 78 स्थित राम रामेश्वर महादेव पर कावड़ को लाया गया। वर्ष 2022में डाक कावड़ को नया स्वरूप देते हुए महामंडलेश्वर रामजी बाबा ने मां नर्मदा उद्गम स्थल अमरकंटक से 900 किलोमीटर की नॉनस्टॉप सीताराम डाक कावड़ को निकालकर प्रदेश में शिवभक्तों के बीच रोमांच और अद्भुत भक्ति का उदाहरण दिया। 2023 में गंगोत्री से 1500 किलोमीटर दौड़ते हुए कावडिय़ा इंदौर पहुंचे। गत वर्ष 2024 में गुजरात के द्वारिका से 1000 किलोमीटर दौड़ते हुए सीताराम भक्त मंडल के भक्त इंदौर पहुंचे।

1 घंटे में 12 से 15 किलोमीटर की दूरी करेंगे तय
सीताराम भक्त मंडल के 200 से ज्यादा कावडि़ए, जो 29 जुलाई को अयोध्या से शुरू होने वाली सुपरफास्ट डाक कावड़ में शामिल हो रहे हैं, वह बारी-बारी से एक ही कावड़ को लेकर दौड़ेंगे। इसमें वाहनों से 200 से 300 मीटर दूरी पर यह कावडिय़ा उतर जाते हैं और अपनी बारी का इंतजार कावड़ उठाने के लिए करते हैं। इस बार निकल रही 1100 किलोमीटर की यात्रा के लिए 12 से 15 किलोमीटर का अनुमानित 1 घंटे का समय तय किया है, जिससे तकरीबन तीन दिन यानी 72 घंटे में अयोध्या से इंदौर दौड़ते हुए कावडि़ए पहुंच जाएंगे।

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