
नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के पड़ने वाले असर को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 2021-22 के लिए भारत के विकास दर अनुमान को दो फीसदी घटाकर 4.6 फीसदी कर दिया है। पहले वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था।
संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण भारत को ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। इससे ईंधन की कीमतों में उछाल आ सकता है। साथ ही व्यापार प्रतिबंधों, खाद्य महंगाई, सख्त नीतियों और वित्तीय मोर्चे पर स्थिरता की चिंता जैसे कारक भी भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही उसने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते जोखिम को देखते हुए वैश्विक आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को 3.6 फीसदी से घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है।
इस साल रूस में गहरी मंदी की आशंका
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस इस साल गहरी मंदी का सामना कर सकता है जबकि पश्चिमी यूरोप और मध्य, दक्षिण, दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों की वृद्धि दर भी सुस्त पड़ सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जबकि पहले इसके 2.% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया था।
क्रिप्टो नियमों को कड़ा बनाएगा केंद्र, फाइनेंस बिल में होगा सुधार
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह क्रिप्टोकरेंसी के नियमों को कड़ा करेगी ताकि इसमें किसी भी घाटे को सेट ऑफ न किया जा सके। इसके लिए वित्त मंत्रालय फाइनेंस बिल-2022 में सुधार करने का प्रस्ताव रखा है। फाइनेंस बिल में सुधार के लिए लोकसभा सदस्यों के पास जो सर्कुलेट किया गया है, उसके मुताबिक, मंत्रालय वर्चुअल डिजिटल एसेट के घाटे के सेट ऑफ कॉलम से अन्य शब्द को निकाल देगा।
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