आजमगढ़। उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के मदरसा अशरफिया मिस्बाह-उल-उलूम (Madrasa Ashrafia Misbah-ul-Uloom) में मौलाना शमशुल हुदा खान (Maulana Shamsul Huda Khan) को शिक्षक का वेतन जारी करने के मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। साल 2014 से 2017 के बीच मौलाना शमशुल हुदा को गलत तरीके से लाखों रुपए वेतन दिया गया। अब शासन ने चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
मामले की पूरी जानकारी
संत कबीर नगर के खलीलाबाद इलाके के रहने वाले मौलाना शमशुल हुदा खान ने 19 दिसंबर 2013 को भारत की नागरिकता छोड़कर लंदन की नागरिकता ले ली। इसके बावजूद, वह 2017 तक मदरसा में शिक्षक और विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से वेतन लेते रहे। मौलाना ने वीआरएस लेने के बाद अपना जीपीएफ और पेंशन भी प्राप्त किया। जांच में सामने आया कि जनवरी 2022 में एडीएम प्रशासन आजमगढ़ ने 16.59 लाख रुपए की रिकवरी का आदेश जारी किया।
FIR दर्ज और कार्रवाई
एटीएस की रिपोर्ट के आधार पर संत कबीर नगर के खलीलाबाद में मौलाना शमशुल हुदा खान के खिलाफ FIR दर्ज करवाई गई। इसके बाद शासन ने वेतन जारी करने वाले आजमगढ़ के तत्कालीन चार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया।
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