
आगरा । उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश (Heavy Rain) के बाद ब्रज में कालिंदी (Kalindi) अब अपने उफान पर आने लगी है। आधी रात को यहां पर यमुना (Yamuna) का जलस्तर चेतावनी चिह्न को भी पार कर गया है। इससे सुबह होते ही तटीय इलाकों में हड़कंप मच गया है। आगरा-मथुरा के आस-पास के गांवों में बाढ़ के हालात हो गए। पिछले कई दिनों से यमुना का जलस्तर पर 165.20 मीटर के चेतवनी निशान के नीचे ही बह रहा था। शनिवार को यहां प्रयाग घाट पर जलस्तर चेतावनी चिह्न से मात्र 50 सेमी नीचे था। इसके बाद जलस्तर इस चिह्न के नीचे ही घटता-बढ़ता रहा। इससे तटीय क्षेत्रों में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी।
शुक्रवार रात करीब 10 बजे यहां जलस्तर पर 165.09 मीटर दर्ज किया गया था। रात दो बजे बाद यहां जलस्तर में बढ़ोतरी होने लगी जो शनिवार सुबह सात बजे चेतावनी चिह्न को पार कर गई। सुबह यहां जलस्तर आठ बजे 165.23 मीटर और शाम चार बजे 165.35 मीटर दर्ज किया गया। दरअसल पर्वतीय क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश के बारिश के कारण गुरुवार को ओखला बैराज से करीब 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। जो लगातार 24 घंटे तक चलता रहा। इसके बाद 24 घंटे में यह पानी यहां मथुरा पहुंच गया। इससे जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई है। यहां गोकुल बैराज से भी डिस्चार्ज बढ़ा दिया गया है।
इसके बाद यहां गोकुल बैराज पर जलस्तर अप स्ट्रीम में 163.85 मीटर एवं डाउन स्ट्रीम में 163.80 मीटर बना हुआ। दोनों के बीच मात्र 50 सेमी का अंतर बाकी है। बीती रात 10 बजे ओखला से गुरुवार को छोड़े गए पानी के मथुरा पहुंचने के बाद गोकुल बैराज से भी रात 10 बजे तक पानी डिस्चार्ज बढ़ाकर 65860 क्यूसेक कर दिया गया था। इसके बाद स्थिति में नियंत्रण होने पर गोकुल बैराज से शाम चार बजे डिस्चार्ज 52192 क्यूसेक कर दिया है। शुक्रवार रात 10 बजे ताजेवाला बांध से 23493 क्यूसेक एवं शनिवार शाम चार बजे 21034 क्यूसेक डिस्चार्ज चल रहा है। शनिवार शाम चार बजे फिर से बढ़कर 40489 क्यूसेक कर दिया है। इससे अभी भी अगले दो दिन तक जलस्तर की स्थिति चेतावनी चिह्न के ही निकट बने रहने की उम्मीद है।
नौहझील-शेरगढ़ मार्ग तक पहुंची कालिंदी, यातायात बंद
यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद नौहझील-शेरगढ़ मार्ग को कालिंदी ने अपने कब्जे में ले लिया है। शुक्रवार शनिवार की रात्रि को यमुना में बढ़ा जलस्तर यहां सड़क तक पहुंच गया है। ऐसे में रक्षाबंधन पर बहनों को अपनी भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए पानी में होकर गुजरना पड़ा। यमुना ने यहां नौहझील-शेरगढ़ मार्ग के साथ तटीय गांवों के संपर्क मार्गों को भी अपने आगोश में ले लिया है। शनिवार को शेरगढ़ मार्ग के करीब एक किमी के हिस्से पर करीब तीन फीट तक कालिंदी बहने लगी।
शेरगढ़ यमुना पुल से छिनपाराई गांव तक यमुना का पानी तेजी के साथ सड़कों पर दौड़ रहा था। एहतियातन थानाध्यक्ष सोनू कुमार, कस्बा इंचार्ज अंकित कुमार मयफोर्स व्यवस्थाएं संभालते नजर आए। दुपहिया वाहन चालकों को पानी से निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोग एंव पुलिसकर्मी उनका सहयोग करते रहे। रात्रि करीब एक बजे तहसीलदार मांट बृजेश कुमार ने राजस्व टीम के साथ तटीय गांवों का निरीक्षण किया। शेरगढ़ मार्ग पर पानी की सूचना पर उन्होंने पुलिस को सावधानी बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि तटीय गांवों के प्रधान एवं लेखपालों को मुनादी कराकर लोगों को बाढ़ से बचने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। फिरोजपुर के प्रधान भूदीराम ने ग्राम पंचायत के गांवों में मुनादी करा दी है।
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