
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special In-depth Review) के तहत दावे और आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया में एकमात्र राजनीतिक दल सीपीआई-एमएल ने आवेदन दिया है. सीपीआई-एमएल (CPI-ML) की ओर से कुल 9 दावे और आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं. हालांकि, कांग्रेस (Congress) और राजद (RJD) जैसे मुख्य विपक्षी दल अभी तक इस प्रक्रिया से दूर दिखे हैं, जो एसआईआर प्रक्रिया को लेकर लगातार चुनाव आयोग (Election Commission) पर सवाल उठा रहे थे.
चुनाव आयोग ने शनिवार (23 अगस्त 2025) को दैनिक बुलेटिन में जानकारी दी कि सीधे मतदाताओं की ओर से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के संबंध में त्रुटियों को लेकर कुल 99,656 दावे और आपत्ति दर्ज हुई हैं. 7 दिन के बाद चुनाव आयोग इनमें से 7,367 दावे और आपत्तियों का निपटारा कर चुका है. इसके अलावा, चुनाव आयोग में 18 साल की आयु पूर्ण करने वाले और नए मतदाता के तौर पर 2,83,042 लोगों ने फॉर्म-6 और घोषणापत्र जमा किए हैं. इनमें राजनीतिक दलों के बीएलए की तरह से जमा 6 प्रपत्र भी शामिल हैं.
चुनाव आयोग ने एक अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने के साथ उसमें त्रुटियों को दूर करने के लिए एक महीने की प्रक्रिया शुरू की. 9 दिन बाद दावे और आपत्ति दर्ज कराने की यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. आवेदन के 7 दिन बाद चुनाव आयोग इन दावों और आपत्तियों का निपटारा करता है.
नियमों के अनुसार, दावे और आपत्तियों का निस्तारण संबंधित ईआरओ और एईआरओ की ओर से पात्रता के सत्यापन के बाद 7 दिन की नोटिस अवधि पूरी होने से पहले नहीं किया जाएगा. एसआईआर आदेशों के अनुसार, 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित प्रारूप सूची से किसी भी नाम को ईआरओ और एईआरओ बिना जांच-पड़ताल और स्पीकिंग आदेश के हटा नहीं सकते हैं.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियां एसआईआर प्रक्रिया में सहयोग से दूरी बनाती दिख रही हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एसआईआर प्रक्रिया पर एक फैसला सुनाते हुए बिहार के सभी 12 राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाया. कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं को यह निर्देश दें कि वे एसआईआर प्रक्रिया के तहत मतदाताओं के आवेदन भरने में सहायता करें.
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