
नई दिल्ली । बांग्लादेश(Bangladesh) के अंतरिम सरकार(interim government) के प्रमुख मुहम्मद यूनुस(Chief Muhammad Yunus) संयुक्त राष्ट्र महासभा(United Nations General Assembly) में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में हैं। शुक्रवार को अपना संबोधन देने के लिए यूएनजीए पहुंचे यूनुस को विरोधियों की नारे बाजी का सामना करना पड़ा। यूएन हेडक्वार्टर के बाहर जमा हुए हसीना समर्थकों ने यूनुस को पाकिस्तानी एजेंट बताया और उनकी सरकार पर बांग्लादेश को बर्बाद करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं कई प्रदर्शनकारियों ने यूनुस के ऊपर अंडे फेंकने की कोशिश भी की।
एक प्रदर्शनकारी ने यूनुस के ऊपर बांग्लादेश को तालिबान बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “हम आज संयुक्त राष्ट्र के सामने डॉक्टर यूनुस के खिलाफ प्रदर्शन करने आए हैं, जो कि बांग्लादेश को एक तालिबानी देश, एक आतंकवादी देश बना रहे हैं। इसके अलावा वह हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों सभी तरह के धार्मिक अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचार कर रहे हैं। हम धार्मिक पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग करते हैं, जिन्हें डॉ. यूनुस ने गैरकानूनी रूप से जेल में रखा है। हम उनकी रिहाई की मांग करते हैं… उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।”
बांग्लादेश को तालिबान बना रहे यूनुस: प्रदर्शनकारी
एक और प्रदर्शनकारी ने कहा, “इस रैली का मकसद सीधा-साधा है। बांग्लादेश की लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई शेख हसीना की सरकार को 5 अगस्त 2024 को अपदस्थ कर दिया गया था। तब से लेकर अब तक यूनुस इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों के साथ मिलकर बांग्लादेश को सेमी तालिबान बनाने की ओर ले जा रहे हैं।”
अवैध शासन कर रहे हैं यूनुस: प्रदर्शनकारी
एक और प्रदर्शनकारी ने बांग्लादेश की राजनैतिक परिस्थिति को गंभीर बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वर्तमान समय में बांग्लादेश गंभीर स्थिति में है और जब से यूनुस सत्ता में आए हैं तब से हिंदुओं समेत अन्य धर्मों के लोगों को हत्याओं का सामना करना पड़ा है। लाखों लोग देश छोड़कर भाग गए हैं। उन्होंने कहा, “हम अवैध यूनुस शासन का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि 5 अगस्त 2024 के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुरक्षा कारणों से देश छोड़ना पड़ा था और यूनुस ने देश पर कब्ज़ा कर लिया था और तब से अल्पसंख्यकों, हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों की हत्याएँ हो रही हैं।”
गौरतलब है कि पिछले साल 5 अगस्त को जेन-जी आंदोलन ने शेख हसीना के 15 साल के शासन को खत्म कर दिया था। हसीना को भागकर भारत में शरण लेनी पड़ी थी। इसके तुरंत बाद ही यूनुस ने अंतरिम सरकार का गठन कर लिया और बांग्लादेश की सत्ता पर बैठ गए। तब से लेकर अब तक बांग्लादेश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों के ऊपर जमकर अत्याचार हुआ। यूनुस के विरोधियों के मुताबिक नोबेल विजेता ने इस्लामिक कट्टरपंथियों के साथ हाथ मिलाकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर अपनी आंखें मूंद लीं।
यूनुस के सत्ता में आने के बाद से ही भारत और बांग्लादेश के बीच के संबंध बिगड़े हुए हैं। यूनुस ने भारत के ऊपर हसीना को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। भारत शुरुआत से ही यूनुस सरकार से बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध करता रहा है।
हर 100 में से तीन इंसान बांग्लादेशी: यूनुस
इस प्रदर्शन के बीच में संयुक्त राष्ट्र में संबोधन देने के लिए पहुंचे नोबेल विजेता यूनुस ने बांग्लादेश में पिछले एक साल में किए अपने कामों को सामने रखने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “पिछले साल जब मैं इस असेंबली में आया था, तब मैं एक ऐसे देश की तरफ से बात कर रहा था, जिसने हाल ही में जन विद्रोह देखा था। मैंने आपके साथ हमारी परिवर्तन की आकांक्षाओं को साझा किया था। आज, मैं आपको यह बताने के लिए खड़ा हुआ हूं कि हम उस जगह से आज कितनी दूर आ गए हैं। इस ग्रह पर हर 100 व्यक्तियों में से तीन व्यक्ति बांग्लादेश में रहते हैं।”
अर्थव्यवस्था की बात करते हुए यूनुस ने बांग्लादेशी प्रवासी श्रमिकों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक करीब 7.1 मिलियन बांग्लादेशी विदेश में रहते हैं, जिन्होंने 2019 में लगभग 18 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया है।
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