
वाशिंगटन। भारत और अमेरिका (India and America) के बीच संबंध रूसी तेल खरीद (Buying Russian oil) पर अटके हुए हैं। ट्रंप प्रशासन (Trump administration) की तरफ से भारत के राजदूत के तौर पर नियुक्त किए गए सर्जियो गोर (Sergio Gore) ने सीनेट के सामने अपने बाकी अमेरिकी साथियों की तरह एक बार फिर से इस बात को दोहराया कि भारत को रूसी तेल खरीद बंद करनी होगी। हालांकि सर्जियो गोर ने दोनों देशों के बीच चल रहे टैरिफ तनाव को बस कुछ हफ्तों का बताया। उन्होंने गुरुवार को यह भरोसा जताया कि आने वाले कुछ हफ्तों में ही यह तनाव सुलझ जाएगा। इतना ही नहीं गोर ने इस बात पर भी जोर दिया कि दोनों देशों के बीच में बहुत थोड़ी सी बातों को लेकर मतभेद हैं, जिन्हें जल्दी ही सही कर लिया जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के करीबी माने जाने वाले गोर ने सीनेट के सामने अपना संबोधन देते हुए भारत को अमेरिका रणनीतिक साझेदार बताया। उन्होंने कहा, “भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसका भविष्य उस क्षेत्र और उससे आगे के भविष्य को आकार देगा। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में, मैं इस साझेदारी में अमेरिका के हितों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
सीनेट के सामने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए गोर ने कहा, “भारत की भौगोलिक स्थिति, आर्थिक विकास और सैन्य क्षमता इसे क्षेत्र की आधार शिला और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बनाती हैं। इस वजह से यह दोनों देशों के साझा सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।”
गोर ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि टैरिफ तनाव के बावजूद दोनों नेताओं के बीच में अविश्वसनीय संबंध हैं। गोर ने कहा, “अगर आपने गौर किया होगा तो जब राष्ट्रपति ट्रंप दूसरे देशों के ऊपर हमला (वाक् युद्ध) करते हैं, तो वह उस समय उनके नेताओं पर भी हमला बोलते हैं। लेकिन जब राष्ट्रपति भारत की आलोचना करते हैं तो वह प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने के लिए अपनी सीमा से आगे निकल जाते हैं। उन दोनों के बीच में एक अविश्वनीय संबंध है।
आपको बता दें सर्जियो गोर को ट्रंप प्रशासन की तरफ से भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त कर दिया गया है। सीनेट को भारत में उनकी नियुक्ति के लिए मनाने का प्रयास कर रहे गोर ने कहा, “अगर राजदूत के रूप में मेरी नियुक्ति हो जाती है, तो मैं राष्ट्रपति ट्रंप के एजेंडे को पूरा करने का प्रयास करूंगा। इसमें हमारे रक्षा सहयोग को बढ़ाकर निष्पक्ष और लाभकारी व्यापार सुनिश्चित करके, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करके और टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाकर अमेरिकी हितों को साधने का प्रयास करूंगा।”
आपको बता दें, अगर सीनेट की तरफ से गोर की नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है, तो वह वह भारत में सबसे कम उम्र के अमेरिकी राजदूत होंगे। इससे पहले सीनेट के सामने गोर का परिचय देने के लिए खड़े हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो भारत को शीर्ष संबंधों वाला देश करार दिया। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ अपने संबंधों में एक असाधारण बदलाव के दौर से गुज़र रहे हैं। हमारे सामने कुछ बेहद महत्वपूर्ण मुद्दे आ रहे हैं जिन पर हमें उनके साथ मिलकर काम करना होगा। हमें उन पर भी काम करना होगा, जो यूक्रेन में, साथ ही इस क्षेत्र में हो रही घटनाओं को भी प्रभावित करते हैं।”
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