
वाशिंगटन। अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने शुक्रवार को एक नया कार्यकारी आदेश (New Executive Order) जारी किया, जिसमें दुनिया के कई देशों के उत्पादों पर संशोधित टैरिफ लगाने की घोषणा की गई। इस आदेश के तहत जहां भारत से आने वाले उत्पादों पर 25% शुल्क लगाया गया है, वहीं पाकिस्तान (Pakistan) पर 19% आयात शुल्क लगाया गया है, जो कि पहले 29% था। ट्रंप प्रशासन ने यह भी दावा किया है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच एक नया व्यापार समझौता हुआ है। इस समझौते के तहत अमेरिका, पाकिस्तान के तेल भंडारों के विकास में साझेदारी करेगा।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “हमने अभी पाकिस्तान के साथ एक व्यापारिक समझौता पूरा किया है, जिसमें हम उनके विशाल तेल भंडारों को विकसित करने में मदद करेंगे। हम जल्द ही उस तेल कंपनी का चयन करेंगे जो इस साझेदारी का नेतृत्व करेगी। कौन जानता है, शायद एक दिन पाकिस्तान भारत को भी तेल बेचे!”
संशोधित सूची में भारत पर 25% का भारी शुल्क लागू किया गया है। हालांकि, भारत के साथ किसी व्यापारिक समझौते या राहत का कोई जिक्र नहीं किया गया है। अपने आदेश में ट्रंप ने देशों को तीन श्रेणियों में बांटा है। पहला वे देश जिन्होंने अमेरिका के साथ सुरक्षा और व्यापार के लिए समझौता किया है। दूसरे वे देश जो बातचीत में तो शामिल हुए, लेकिन अमेरिका की शर्तों को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है। और तीसरे वैसे देश जिन्होंने बातचीत से इनकार कर दिया या नीतिगत रूप से अमेरिका के साथ नहीं खड़े हुए।
टैरिफ लागू कब से होंगे?
यह नए आयात शुल्क 7 अगस्त 2025 से लागू होंगे। कार्यकारी आदेश के मुताबिक, ये संशोधित शुल्क उन सभी वस्तुओं पर लागू होंगे जो 7 अगस्त को या उसके बाद अमेरिका में खपत के लिए प्रवेश करेंगी या गोदाम से निकाली जाएंगी।
पाकिस्तान को राहत क्यों?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान को दी गई टैरिफ राहत और तेल डील के पीछे कई कारण हो सकते हैं। अफगानिस्तान और चीन के निकट होने के कारण पाकिस्तान की स्थिति उसे अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्त्वपूर्ण बनाती है। इसके अलावा, ट्रंप 2024 चुनाव के बाद से फिर से अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर सक्रिय हो गए हैं। मुस्लिम देशों के साथ बेहतर संबंध दिखाकर वह अपनी वैश्विक छवि को संतुलित करने की कोशिश कर सकते हैं। वहीं, भारत और अमेरिका के बीच व्यापार घाटा लंबे समय से चर्चा में रहा है। ट्रंप प्रशासन उसे संतुलित करने के लिए टैरिफ का सहारा ले रहा है।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल भारत सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय इस मुद्दे पर आपसी समीक्षा कर रहे हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में भारत अमेरिका से टैरिफ में राहत और पुन: वार्ता की मांग कर सकता है।
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