
नई दिल्ली. सीनियर अमेरिकी सांसद ग्रेगरी मीक्स (Gregory Meeks) ने रूसी तेल (Russian Oil) आयात को लेकर भारत (India) पर ट्रंप (Trump) द्वारा लगाए गए शुल्कों (tariff) की कड़ी आलोचना की है. डेमोक्रेट सीनेटर ग्रेगरी मीक्स ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यह ‘शुल्क संबंधी हताशा’ वॉशिंगटन और नई दिल्ली के बीच एक मज़बूत साझेदारी बनाने के लिए दो दशकों से किए जा रहे सावधानीपूर्वक कोशिशों को ख़तरे में डाल सकती है.
विदेश नीति से संबंधित कानून बनाने वाले ग्रुप के लिए ज़िम्मेदार सदन की समिति के मुताबिक, उन्होंने कहा, “हमारे बीच गहरे रणनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच गहरे संबंध हैं. चिंताओं का समाधान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के मुताबिक आपसी सम्मान के साथ किया जाना चाहिए.”
डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने भारत पर 25 फीसदी का टैरिफ लगाया और व्यापार वार्ता रोक दी. 4 अगस्त को, उन्होंने अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया और चेतावनी दी कि वे रूस से भारत की तेल खरीद पर टैरिफ लगाएंगे.
RM @RepGregoryMeeks: Trump's latest tariff tantrum risks years of careful work to build a stronger US-India partnership.
We have deep strategic, economic, and people-to-people ties. Concerns should be addressed in a mutually respectful way consistent with our democratic values. https://t.co/T2GTZGKYAS
— House Foreign Affairs Committee Dems (@HouseForeign) August 7, 2025
आश्चर्य की बात नहीं कि भारत, ट्रंप के इस कदम को ‘अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण’ मानता है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ‘अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी.’
ट्रंप की वैश्विक टैरिफ़ दरें गुरुवार से लागू हो गईं, जिससे दर्जनों अमेरिकी साझेदार बढ़ते शुल्कों से राहत पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो वैश्विक व्यापार को नया रूप दे रहे हैं. नई दरें लागू होने से कुछ वक्त पहले, वॉशिंगटन ने सेमीकंडक्टर आयात पर भी 100 प्रतिशत शुल्क लगा दिया थाय.
ट्रंप की व्यापार नीति आर्थिक शक्ति का प्रदर्शन है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन कई अर्थशास्त्रियों को डर है कि इससे महंगाई बढ़ सकती है और विकास दर धीमी हो सकती है.
अमेरिकी सांसद का बयान अहम…
अमेरिका और भारत के बीच एक गहरी रणनीतिक साझेदारी है. यह दोनों देशों के लिए अहम है. ग्रेगरी मीक्स का बयान इस बात पर जोर देता है कि इस साझेदारी को बनाए रखना जरूरी है. टैरिफ जैसे मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. यह बयान दोनों देशों के बीच आपसी सम्मान और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का मैसेज देता है.

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