img-fluid

US: H-1B वीजा नियमों में बदलाव की तैयारी, लॉटरी सिस्टम की जगह लेगा नया वेटेज सिस्टम!

July 22, 2025

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) दूसरी बार सत्ता में आने के बाद से कई स्तरों और मोर्चों पर बदलाव लाने में जुटे हैं। अब ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) H-1B वीजा जारी करने के नियमों में बदलाव करने की योजना बना रहा है। इसके तहत लॉटरी सिस्टम (Lottery system) को खत्म कर वेटेज सिस्टम लागू किए जाने की संभावना है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन इस बदलाव के लिए गहनता से विचार कर रहा है। 17 जुलाई को सूचना एवं नियामक मामलों के कार्यालय को सौंपी गई एक हालिया फाइलिंग में, होमलैंड सुरक्षा विभाग (DHS) ने मौजूदा लॉटरी सिस्टम की जगह सीमित हिस्से के रूप में आवेदकों के चयन के लिए एक वेटेज सिस्टम शुरू करने का प्रस्ताव रखा है।


हालांकि, DHS फाइलिंग में वेटेज आधारित सेलेक्शन सिस्टम के बारे में फिलहाल बहुत कम जानकारी सामने आ पाई है लेकिन यह स्पष्ट किया गया है कि यह बदलाव वीजा जारी करने की प्रक्रिया में कानूनी तरीके से एक सीमित हिस्से को प्रभावित करेगा। फिलहाल इसे प्रति वर्ष 85,000 वीजा तक सीमित किया जा रहा है। इनमें से करीब 20,000 वीजा कम से कम मास्टर (PG) डिग्रीधारी कर्मचारियों के लिए आरक्षित होंगी।

अब सैलरी और क्वालिफिकेशन भी देखा जाएगा
DHS फाइलिंग के मुताबिक यूनिवर्सिटीज और रिसर्च इन्स्टीट्यूट को वार्षिक सीमा के अधीन नहीं रखा गया है। यानी वहां साल भर विदेशी प्रतिभाओं को नियुक्त किया जा सकता है और उस आधार पर वीजा जारी किए जा सकते हैं। नए सिस्टम के तहत वीजा जारी करते समय आवेदक की सैलरी और क्वालिफिकेशन भी देखा जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाएँ (USCIS) वीज़ा आवेदनों को संभालने के लिए ज़िम्मेदार एजेंसी बनी रहेगी। वर्तमान में, H-1B वीजा एक रैंडम लॉटरी सिस्टम के जरिए वितरित किए जाते हैं, जिसमें योग्यता या नियोक्ता को ध्यान में लाए बिना सभी आवेदकों के साथ समान व्यवहार किया जाता है। हालाँकि, अमेज़न, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियाँ अक्सर बड़ी संख्या में आवेदन जमा करती हैं, जिससे उन्हें उपलब्ध वीजा का बड़ा हिस्सा हासिल करने में बढ़त मिल जाती हैं।

अमेरिका में आव्रजन नीति पर बहस पुरानी
बता दें कि एच-1बी वीज़ा लंबे समय से राजनीतिक बहस का विषय रहा है, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों के बीच, जिनकी अक्सर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क जैसे हाई-प्रोफाइल लोगों से आव्रजन नीति को लेकर बहस होती रही है। अमेरिका का यह वीजा कार्यक्रम अमेरिकी टेक कंपनियों के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसके जरिए उन्हें हाई स्किल्ड विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की इजाजत मिलती है। बड़ी बात यह है कि ऐसे वीजा पर अमेरिकी टेक कंपनियों में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों में कई भारत से आते हैं। इनकी हिस्सेदारी करीब 70 फीसदी है।

H-1B वीजा सिस्टम का सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय समुदाय
यानी भारतीय समुदाय H-1B गैर-आप्रवासी वीजा कार्यक्रम का प्रमुख लाभार्थी बनकर उभरा है। 2022 में स्वीकृत कुल 3,20,000 H-1B वीज़ा में से 77% भारतीय नागरिकों को प्राप्त हुए थे। यही ट्रेंड वित्तीय वर्ष 2023 में भी जारी रहा। 2023 में कुल 3,86,000 H-1B वीजा जारी किए गए थे, इनमें से 72.3% लोग भारतीय नागरिक थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य कार्यक्रम की दक्षता में सुधार करना, अधिक लाभ और लचीलापन प्रदान करना, और धोखाधड़ी को रोकना है।

Share:

  • राजा रघुवंशी हनीमून मर्डर केस पर आमिर खान की नजर?

    Tue Jul 22 , 2025
    मुंबई। बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान (Aamir khan) रियल लाइफ कहानी को पर्दे पर लाने की तैयारी में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आमिर खान मेघालय के चर्चित और सनसनीखेज राजा रघुवंशी हनीमून मर्डर केस (Raja Raghuvanshi Honeymoon Murder Case) पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं। याद दिला दें, यह वही मामला है, […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved