
नई दिल्ली । अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (US Defense Intelligence Agency) ने साल 2025 के लिए विश्वव्यापी खतरा आकलन रिपोर्ट (Global Threat Assessment Report) पेश किया है। इसमें कहा गया कि पाकिस्तान (Pakistan) भारत (India) को अपने लिए अस्तित्व का खतरा मानता है, जबकि भारत चीन को अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखता है। भारत पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा से जुड़ी समस्या मानता है, जिसे मैनेज किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा प्राथमिकताएं वैश्विक नेतृत्व प्रदर्शित करने, चीन का मुकाबला करने और नई दिल्ली की सैन्य शक्ति को बढ़ाने पर केंद्रित रहेंगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत हिंद महासागर क्षेत्र में द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को प्राथमिकता दे रहा है ताकि चीनी प्रभाव का मुकाबला किया जा सके। साथ ही, वैश्विक नेतृत्व की भूमिका को आगे बढ़ा सकें। रिपोर्ट में भारत-चीन सीमा विवाद का भी जिक्र है। इसमें कहा गया कि पिछले साल का सैन्य अलगाव सीमा से जुड़े विवाद को हल नहीं कर सका, मगर 2020 के संघर्ष से बनी तनाव की स्थिति को कुछ हद तक कम हुई है।
रिपोर्ट में मेक इन इंडिया का भी जिक्र
सैन्य आधुनिकीकरण योजनाओं को लेकर रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारत इस साल अपनी मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देना जारी रखेगा ताकि घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत किया जाए, आपूर्ति श्रृंखला की चिंताओं को कम किया जा सके और सैन्य आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिले। 2024 में भारत ने परमाणु-सक्षम अग्नि-प्राइम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) और अग्नि-V मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल का परीक्षण किया। नई दिल्ली ने अपनी दूसरी परमाणु-ऑपरेटेड पनडुब्बी को कमीशन किया, ताकि परमाणु त्रिकोण को मजबूत किया जाए और प्रतिद्वंद्वियों को रोकने की क्षमता को बढ़ाया जा सके।’
भारत-रूस संबंधों पर रिपोर्ट में क्या कहा गया
रिपोर्ट में भारत-रूस संबंधों पर कहा गया कि भारत इस साल रूस से अपने संबंधों को बनाए रखेगा, क्योंकि वह इसे अपने आर्थिक और रक्षा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अहम मानता है। रूस-चीन के गहराते संबंधों को साधने के लिए यह रिश्ता और भी मायने रखता है। इसमें कहा गया, ‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने रूसी मूल के सैन्य उपकरणों की खरीद को कम किया है, लेकिन फिर भी रूसी स्पेयर पार्ट्स पर निर्भर है। ताकि, रूसी मूल के टैंकों और लड़ाकू विमानों के अपने बड़े भंडार को बनाए रखा जा सके, जो चीन और पाकिस्तान से खतरों का मुकाबला करने के लिए उसकी सैन्य क्षमता का आधार हैं।’
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved