
कीव। यूक्रेन युद्ध (Ukraine war) के कारण रूस और अमेरिका (Russia and America) के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसका ताजा प्रमाण अलास्का (Alaska.) के आसपास रूसी फाइटर जेट्स (Russian fighter jets) की बार-बार उड़ानें हैं। सबसे हालिया घटना 24 सितंबर को घटी, जब अमेरिकी लड़ाकू विमानों ने अलास्का के निकट चार रूसी सैन्य विमानों की पहचान की और उन्हें रोक लिया। उत्तरी अमेरिकी एयरोस्पेस डिफेंस कमांड (NORAD) ने गुरुवार को इसकी जानकारी साझा की। यह घटना पिछले एक महीने से भी कम समय में दूसरी है, जबकि इस साल अब तक नौवीं बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है।
NORAD के बयान के मुताबिक, एजेंसी ने अलास्का एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (ADIZ) में उड़ान भर रहे दो Tu-95 लंबी दूरी के बमवर्षक विमानों और दो Su-35 लड़ाकू विमानों का पता लगाया। इन पर नजर रखी गई और उचित कार्रवाई की गई। रिपोर्ट के अनुसार, NORAD ने बुधवार को इन चार रूसी विमानों की पहचान करने और उन्हें रोकने के लिए लड़ाकू जेट्स तैनात किए। इससे पहले अगस्त में भी अमेरिकी सेना ने इसी क्षेत्र में रूसी विमानों को रोका था।
बता दें कि ADIZ एक अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र है, जो अमेरिका और कनाडा की सीमाओं के निकट स्थित है। NORAD ने रूसी विमानों की निगरानी के लिए एक E-3 पूर्व चेतावनी विमान, चार F-16 लड़ाकू विमान और चार KC-135 टैंकर विमान लगाए। अधिकारियों का कहना है कि ये विमान अमेरिकी या कनाडाई हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सके। हालांकि, ADIZ में रूसी उड़ानें असामान्य नहीं हैं, लेकिन NORAD ऐसी हर घटना पर सतर्क नजर रखता है।
NORAD ने स्पष्ट किया कि ADIZ राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सभी विमानों को अपनी पहचान प्रकट करनी होती है। अब तक किसी भी रूसी उड़ान ने अमेरिका या कनाडा की सीमाओं का उल्लंघन नहीं किया है। याद रहे, पिछले साल सितंबर में NORAD ने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक रूसी जेट अलास्का तट के पास अमेरिकी विमान के करीब खतरनाक तरीके से उड़ता नजर आया था। यह घटना ऐसे समय में हो रही है जब यूरोपीय देश भी रूसी हवाई गतिविधियों से सतर्क हैं।
एक खबर के अनुसार, गुरुवार को डेनमार्क ने एक हवाई अड्डे को बंद कर दिया, क्योंकि एक अनधिकृत ड्रोन ने उसके हवाई क्षेत्र में 3 घंटे से ज्यादा समय तक घुसपैठ की। यह डेनमार्क में दूसरी ऐसी घटना है। यूरोप में संदिग्ध रूसी ड्रोन हमलों की आशंका बढ़ रही है। पोलैंड और एस्टोनिया ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में रूसी ड्रोनों द्वारा अपने हवाई क्षेत्रों के उल्लंघन का आरोप लगाया। डेनमार्क के अधिकारी कोपेनहागन हवाई अड्डे के पास बड़े ड्रोनों की जांच कर रहे हैं, जो उड़ानों को बाधित कर रहे थे।
यह सब कुछ पिछले महीने अगस्त की घटना के बाद हो रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इस बैठक का उद्देश्य रूस-यूक्रेन शांति समझौता था, लेकिन स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है। दूसरी ओर ट्रंप ने रूस और मॉस्को से तेल खरीदने वाले अन्य देशों पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि अगर रूस युद्ध समाप्त करने के लिए समझौता नहीं करता, तो अमेरिका भारी टैरिफ लगाने को तैयार है।
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