वाशिंगटन। अमेरिका का दोगलापन (Duplicity) एक बार फिर सामने आया है। बीते कई सप्ताह से रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत को लगातार टारगेट करने वाला अमेरिका (US) खुद रूस के साथ एनर्जी डील (Energy deal with Russia) करने की तैयारियां कर रहा है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। बातचीत से परिचित कुछ सूत्रों ने बताया है कि अमेरिका और रूस के अधिकारियों ने इस महीने यूक्रेन की शांति को लेकर हुई बातचीत के दौरान ऊर्जा समझौतों पर चर्चा की है।
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि अमेरिका यूक्रेन में शांति समझौते पर मनाने के लिए रूस को इस डील की पेशकश कर रहा है। इस समझौते के बाद अमेरिका रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील भी दे सकता है। बता दें कि फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद अमेरिका ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए थे। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी है। हालांकि यूक्रेन जंग का अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति दूसरे तरीके अपनाते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक इस समझौते के तहत अमेरिकी कंपनियां रूस की कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में फिर से प्रवेश कर सकती हैं। वहीं अन्य सूत्रों ने बताया कि रूस ने अपनी एलएनजी परियोजनाओं के लिए अमेरिकी उपकरण खरीदने की संभावना भी जताई है। वहीं अमेरिका रूस से परमाणु ऊर्जा से चलने वाले आइसब्रेकर जहाज भी खरीद सकता है।
पुतिन और ट्रंप के बीच भी हुई चर्चा?
जानकारी के मुताबिक यह बातचीत इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ के रूस दौरे के दौरान हुईं। विटकॉफ ने यहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके दूत किरिल दिमित्रिव से मुलाकात की थी। सूत्रों ने बताया कि इन चर्चाओं की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति को दी गई है। वहीं एक सूत्र के मुताबिक 15 अगस्त को पुतिन और ट्रंप के बीच अलास्का में हुए शिखर सम्मेलन के दौरान भी इन सौदों पर संक्षिप्त चर्चा हुई थी।
इस बारे में पूछे जाने पर वाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा है कि ट्रंप और उनकी टीम रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठक के लिए बातचीत कर रही है ताकि जंग को जल्द से जल्द रोका जा सके। अधिकारी ने कहा कि इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से बातचीत करना राष्ट्रीय हित में नहीं है। वहीं रूस की तरफ से इस पर टिप्पणी से इनकार कर दिया गया है।
अमेरिका का दोगलापन
यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से व्यापार कर जंग में आर्थिक मदद का आरोप लगाते हुए भारत पर मोटा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ट्रंप ने भारत से आयातित उत्पादों पर पहले ही 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। अब 27 अगस्त से भारत पर अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा की गई है। अमेरिका की तरफ से बार-बार यह कहा जा रहा है कि भारत पर टैरिफ लगाकर अमेरिका रूस पर जंग रोकने का दबाव बनाना चाहता है। हालांकि भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों से समझौता नहीं करेगा और अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved