
पिथौरागढ़: उत्तराखंड में लगातार हुई बारिश के चलते पिथौरागढ़ में चीन सीमा पर बसे गांवों का संपर्क देश-दुनिया से कटा हुआ है. धारचूला में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाला वैली ब्रिज खतरे की जद में आ गया है, जिसे देखते हुए इस पुल से आवाजाही पर रोक लगा दी है. बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (Border Roads Organisation) ने इस पुल को दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया है.
अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह पुल तीन दिन में फिर से बनकर तैयार हो जाएगा. इस वैली ब्रिज की लंबाई 130 फुट और क्षमता 24 टन है. व्यास घाटी में यह पुल गुंजी, नाबी, रोकांग, कुटी, ओम पर्वत व आदि कैलाश को जोड़ता है. यह वैली ब्रिज कुटी यांगती नदी में बना है, जिसका जलस्तर बढ़ने से पुल की सुरक्षा दीवार बह गई थी.
ग्रीष्मकालीन प्रवास में मल्ला जोहार के मिलम, रिलकोट, ल्वा, मर्तोली, बुर्फू, पांछू, मापा, बिलजू, गनघर, खिंलाच, टोला, सुमतू, लास्पा के ग्रामीण गांवों में पहुंचे हैं. गांवों में कुछ खाद्यान्न तो पहले पहुंचा दिया गया था, अभी और पहुंचाया जाना है. यदि जल्द पुल को ठीक नहीं किया गया, तो ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
BRO के 65 आरसीसी ग्रिफ की कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल भावना वांडरे ने बताया कि यातायात कनेक्टिविटी को सुचारू रखने के लिए कार्य किया जा रहा है. लगातार बारिश के कारण कार्य करने में दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि वैली ब्रिज को मजबूत बनाने के लिए इसे 10 फुट और बढ़ाया जा रहा है.
गुंजी के स्थानीय लोग लंबे समय से एक पक्के पुल की मांग करते आए हैं. यहां की सरपंच लक्ष्मी गुंज्याल ने कहा कि वैली ब्रिज सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. उन्होंने सरकार और बीआरओ से इसी जगह पर मजबूत आरसीसी पुल का निर्माण करने का अनुरोध किया है. गौरतलब है कि प्रदेश में बारिश को देखते हुए स्टेट पुलिस फोर्स के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है. एसडीआरएफ की टुकड़ी हर जिले में तैनात की गई है. सरकार की लोगों से अपील है कि वह नदी-नालों और गधेरों से दूर रहें.
कुमाऊं में पिथौरागढ़ में काली नदी से लेकर टनकपुर में शारदा नदी, रामनगर में कोसी, दाबका, रामगंगा, अल्मोड़ा में कोसी, बागेश्वर में सरयू, हल्द्वानी में गौला, नंधौर, कैलाश नदियां उफान पर हैं. सभी नदियां खतरों के निशान से ऊपर बह रही हैं. सभी नदियों से बड़ी मात्रा में पानी को छोड़ा गया है, जिसके कारण निचले इलाकों में या नदी के किनारे के इलाकों में खतरा पैदा हो गया है. प्रशासन की लोगों से अपील है कि वह नदी-नालों से दूर रहें.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved