
नई दिल्ली । नोबेल पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना मचाडो (María Corina Machado) व्यक्तिगत रूप से अवॉर्ड लेने जाने पर रोक लग सकती है। खबर है कि अगर वह पुरस्कार (award) लेने नॉर्वे गईं, तो उन्हें वेनेजुएला सरकार (Venezuelan government) भगोड़ा घोषित कर सकती है। पुरस्कार वितरण समारोह 10 दिसंबर को होना है। लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रचार के लिए उन्हें नोबेल से नवाजा गया है। मचाडो के खिलाफ आतंकवाद संबंधी कई मामले दर्ज हैं।
मीडिया से बातचीत में गुरुवार के वेनेजुएला के एटॉर्नी जनरल तारिक विलियम साब ने कहा है कि विपक्ष की नेता मचाडो अगर नॉर्वे जाती हैं, तो उन्हें भोगाड़ा माना जाएगा। मचाडो का कहना है कि वह वेनेजुएला में छिपी हुई हैं और पुरस्कार लेने के लिए 10 दिसंबर को ओस्लो जाना चाहती हैं। साब ने कहा, ‘कई आपराधिक जांचें चलने के बाद वेनेजुएला से बाहर जाने पर उन्हें भगोड़ा माना जाएगा।’
एजी ने कहा कि कैरेबियन में सैन्य तैनाती के लिए अमेरिका की मदद करने के मामले में भी मचाडो के खिलाफ जांच चल रही है। खास बात है कि मचाडो ने सैन्य मौजूदगी का स्वागत किया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया के सबसे बड़े एयरक्राफ्ट कैरियर, युद्धपोत और लड़ाकू विमानों को तैयार किया है। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के आरोप हैं कि इसके जरिए उनकी सरकार गिराने की कोशिश की जा रही है।
ट्रंप का किया समर्थन
अक्तूबर में मचाडो ने कहा था कि वेनेजुएला की जनता की संप्रभु इच्छा को सम्मान दिलाने के लिए हम ‘दृढ़ संकल्पित’ हैं और इस समय संघर्ष में ‘हमारे मुख्य सहयोगी’ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं।
अवॉर्ड विजेता
नॉर्वे की नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वात्ने फ्रिडनेस ने मारिया की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि वेनेजुएला में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए विपक्ष की उम्मीदवार रहीं मारिया को राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ ‘कभी गहराई तक विभाजित विपक्ष को एकजुट करने वाली महत्वपूर्ण शख्सियत’ के रूप में सराहा गया है। फ्रिडनेस ने कहा, ‘मारिया पिछले एक साल से छिपकर रहने के लिए मजबूर हैं। जान को गंभीर खतरे के बावजूद वह देश में ही हैं और इस फैसले ने लाखों लोगों को प्रेरित किया है।’
नहीं लड़ सकीं चुनाव
मारिया को राष्ट्रपति चुनाव में मादुरो के खिलाफ लड़ना था, लेकिन सरकार ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया। इसके बाद मारिया के करीबी एडमंडो गोंजालेज को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया। यह उनके जीवन का पहला चुनाव था। चुनावी प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर दमन देखा गया, जिसमें विरोधी उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराया जाना, उनकी गिरफ्तारी और मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन शामिल था।
खबर है कि मारिया अज्ञात स्थान पर चली गईं थीं और उन्हें जनवरी से किसी सार्वजनिक मंच पर नहीं देखा गया है। वेनेजुएला की एक अदालत ने चुनाव नतीजों के प्रकाशन को लेकर गोंजालेज के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद वह स्पेन में निर्वासन में चले गए, जहां उन्हें शरण मिल गई।
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