
नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) आज शुक्रवार से महाकुंभ में तीन दिवसीय बैठक (Three day meeting in Mahakumbh) शुरू करने जा रहा है. ये बैठक झूंसी में वीएचपी शिविर में शुरू होगी. शिविर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग लाल बागरा (Bajrang Lal Bagra) ने कहा कि बैठक में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से हटाने, जनसांख्यिकीय असंतुलन और वक्फ बोर्ड की अनियंत्रित और व्यापक शक्तियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रतिभागी बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न और अयोध्या फैसले के बाद काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों की मुक्ति” पर भी चर्चा करेंगे. बैठक में भारत भर के साथ-साथ विदेशों से वीएचपी के 47 प्रांतों के प्रतिनिधि भाग लेंगे. मुख्य सहभागी वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, महासचिव मिलिंद परांडे, संयुक्त महासचिव विनायकराव देशपांडे और बजरंग दल, मातृ शक्ति और दुर्गा वाहिनी जैसे संबद्ध निकायों के नेता होंगे।
गुरुवार को महाकुंभ की आध्यात्मिक भव्यता से आकर्षित होकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक ग्रुप प्रयागराज पहुंचा और संगम में पवित्र डुबकी लगाकर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. यूपी सूचना विभाग के अनुसार, श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के पवित्र संगम पर अनुष्ठान किए और अपने पूर्वजों के लिए प्रार्थना की।
ग्रुप के साथ आए महंत रामनाथ ने कहा कि वे पहले हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने महाकुंभ में आने से पहले लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित कीं और अनुष्ठान किए. सेक्टर 9 में श्री गुरु कार्ष्णि शिविर में बोलते हुए सिंध निवासी गोबिंद राम मखेजा ने पीटीआई से कहा, “जब से हमने पिछले दो या तीन महीनों में महाकुंभ के बारे में सुना है, तब से हमारे मन में वहां जाने की गहरी इच्छा थी. हम खुद को आने से रोक नहीं पाए।
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