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महाकुंभ में विहिप का दो दिनी संत सम्मेलन आज से, मथुरा-काशी मुक्ति के लिए उठेगी आवाज

January 24, 2025

प्रयागराज। विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के ओल्ड जीटी रोड सेक्टर 18 झूंसी स्थित शिविर में 25 और 26 जनवरी को होने जा रहे संत सम्मेलन (Saint conference) में मथुरा और काशी की मुक्ति के आंदोलन (Liberation Movement Mathura and Kashi) की आवाज मुखर होगी। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को कब्जे से मुक्त कराने को एजेंडे में शामिल किया गया है। इस एजेंडे पर शुक्रवार को होने वाली विहिप मार्गदर्शक मंडल की बैठक में मंजूरी मिलेगी और उसके बाद संत सम्मेलन में रखते हुए संतों से मार्गदर्शन मांगा जाएगा।


काशी-मथुरा के अलावा संत सम्मेलन में वक्फ बोर्ड और प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट यानी पूजा स्थल कानून 1991 को समाप्त को समाप्त करने का प्रस्ताव भी पारित होगा। सम्मेलन में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग भी उठेगी। इसके अलावा मार्गदर्शक मंडल की बैठक में अन्य विषयों को भी एजेंडे में शामिल किया जा सकता है। अध्यक्षता श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद करेंगे।

सम्मेलन में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनि, सभी अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर समेत सभी प्रमुख संतों को आमंत्रित किया गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय, केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, संगठन महामंत्री मिलिंद परांडे, सह महामंत्री विनायकराव देशपांडे, अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी और केंद्रीय संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा आदि पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।

वक्फ बोर्ड खत्म हो, सरकार बनाए सनातन बोर्ड
महाकुम्भ नगर। दुनिया के सबसे बड़े मेले में पहुंचे संतों-महंतों ने सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग की है। गुरुवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी की अगुवाई में बुलाई गई प्रेसवार्ता में संतों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुम्भ का यजमान बताते हुए दो दक्षिणा मांगी। एक तो वक्फ बोर्ड समाप्त हो और दूसरा सनातन बोर्ड का गठन किया जाए। संतों ने एक स्वर में कहा कि हमें सरकार से सनातन बोर्ड की जरूरत है और इसके बिना महाकुम्भ नहीं छोड़ेंगे।

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हमें अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए सनातन बोर्ड की जरूरत है। उन्होंने 27 जनवरी को सेक्टर 17 स्थित शिविर में होने जा रहे सनातन धर्म संसद में ‘सनातन बोर्ड’ के संविधान का मसौदा प्रस्तुत करने की भी घोषणा की। कहा कि 27 जनवरी ‘धर्म की स्वतंत्रता का दिवस’ ​​के रूप में मनाया जाएगा और धर्म संसद में सभी अखाड़ों, चारों शंकराचार्यों के प्रतिनिधियों और सनातन धर्म से जुड़े व्यक्ति शामिल रहेंगे। महंत रवींद्र पुरी ने अपील की कि महाकुम्भ में जितने भी संत-महंत, कथावाचक हैं वह अपना-अपना काम छोड़कर 27 जनवरी को धर्म संसद में शामिल हों।

सनातन बोर्ड की मांग नहीं, घोषणा होगी
जूना अखाड़े के महंत स्वामी यतीन्द्रानंद गिरि ने कहा कि हम सनातन बोर्ड लेकर रहेंगे। आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकानंद गिरि ने कहा कि सनातन परंपरागत है, पूरे विश्व में व्याप्त है। आज आवश्यकता है हम अपने मठ-मंदिरों को बचाएं। इसके लिए सनातन बोर्ड की अति आवश्यकता है। धर्म संसद में सनातन बोर्ड की मांग नहीं उठेगी, घोषणा होगी।

बोर्ड के गठन के बाद ही कुम्भ से जाएंगे
उज्जैन के अरजी हनुमान जी मंदिर के महंत स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा जितने बोर्ड बने 200 साल के हैं। ये आर्यावर्त है जहां सिर्फ एक ही धर्म था सनातन। हमें दक्षिणा चाहिए और यजमान हमारा तगड़ा है। सनातन बोर्ड का गठन होने के बाद ही कुम्भ से कूच करेंगे। बोर्ड के रूप में हमें संवैधानिक संस्था चाहिए।

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