
पुणे। महाराष्ट्र (Maharashtra) के बारामती लोकसभा क्षेत्र (Baramati Lok Sabha constituency) से सांसद सुप्रिया सुले (MP Supriya Sule) ने बुधवार को कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को यह कहकर महाराष्ट्र को ‘‘बदनाम’’ नहीं करना चाहिए कि राज्य के विपक्षी सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन (C P Radhakrishnan) के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की। राधाकृष्णन मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें 452 मत मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुले ने कहा कि अगर 14 मत सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को अनुमान से अधिक मिले तो क्या महाराष्ट्र ने ऐसा किया? उन्होंने कहा, ‘‘आप महाराष्ट्र को बदनाम क्यों कर रहे हैं? मराठी लोगों को बदनाम मत कीजिए।’’ वह इस दावे से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं कि राज्य के कुछ विपक्षी सांसदों ने राजग उम्मीदवार को वोट दिया।
महाराष्ट्र के बारामती लोकसभा क्षेत्र से सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को यह कहकर महाराष्ट्र को ‘‘बदनाम’’ नहीं करना चाहिए कि राज्य के विपक्षी सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) उम्मीदवार सी पी राधाकृष्णन के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की। राधाकृष्णन मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए। उन्हें 452 मत मिले, जबकि विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 300 मत मिले।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुले ने कहा कि अगर 14 मत सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार को अनुमान से अधिक मिले तो क्या महाराष्ट्र ने ऐसा किया? उन्होंने कहा, ‘‘आप महाराष्ट्र को बदनाम क्यों कर रहे हैं? मराठी लोगों को बदनाम मत कीजिए।’’ वह इस दावे से संबंधित एक सवाल का जवाब दे रही थीं कि राज्य के कुछ विपक्षी सांसदों ने राजग उम्मीदवार को वोट दिया।
सुले ने कहा, ‘‘मतदान गुप्त था, है ना? फिर आपको कैसे पता चला कि ‘क्रॉस वोटिंग’ हुई है? भाजपा के संजय जायसवाल का कहना है कि 40 (अतिरिक्त) वोट थे। इन 40 में से 11 वाईएसआर कांग्रेस के थे, जो ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा नहीं है। भाजपा के सहयोगी दल अपनी सुविधानुसार ही उन्हें समर्थन देते हैं।’’
पड़ोसी देश नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम इस मामले पर बहुत गंभीरता से नजर रख रहे हैं। केंद्र सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। दुनियाभर के कई देशों में अस्थिरता है। भारत सरकार को इन मुद्दों को गंभीरता से लेना चाहिए। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान सभी एकजुट हुए थे, उसी तरह सभी दलों को एकजुट होकर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।’’
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