
नई दिल्लीः अभिनेता विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) ने ‘रेट्रो’ ऑडियो लॉन्च के दौरान आदिवासी समुदाय के बारे में अपने विवादित बयान को स्पष्ट करते हुए एक फिर नया एक स्टेटमेंट जारी किया है. यह हैदराबाद के एक कार्यक्रम में पहलगाम हमले की निंदा करते हुए की गई उनके रिमार्क्स के बाद हुआ, इसके बाद अभिनेता के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत उनके खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की गई है. चूंकि अभिनेता अपने बयान के जरिए सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हुए और अब विजय देवरकोंडा ने एक नया बयान जारी किया है.
उन्होंने लिखा, ‘यह मेरे ध्यान में आया है कि रेट्रो ऑडियो लॉन्च कार्यक्रम के दौरान मेरे द्वारा किया गया एक कमेंट्स पब्लिक के कुछ सदस्यों के बीच चिंता का विषय बन गया. मैं ईमानदारी से स्पष्ट करना चाहता हूं, कि मेरा किसी भी समुदाय, विशेष रूप से हमारे अनुसूचित जनजातियों को चोट पहुंचाने या लक्षित करने का बिल्कुल भी इरादा नहीं था, जिनका मैं गहराई से सम्मान करता हूं और उन्हें हमारे देश का अभिन्न अंग मानता हूं.’ इसके बाद, देवरकोंडा ने कहा कि उनका कभी किसी को चोट पहुंचाने का इरादा नहीं था और वो ‘भारत में एकता’ और लोगों के एक होने के बारे में बात कर रहे थे. उन्होंने स्पष्ट किया, ‘मैं एकता के बारे में बोल रहा था, कि कैसे भारत एक है, हमारे लोग एक हैं, और कैसे हमें एक साथ आगे बढ़ना चाहिए. किस दुनिया में मैं, एक देश के रूप में एकजुट रहने काी अपील करते हुए, भारतीयों के किसी भी समूह के खिलाफ जानबूझकर भेदभाव करूंगा, जिनमें से सभी को मैं अपने परिवार के रूप में देखता हूं, अपने भाइयों की तरह.’
अपने इरादे को और स्पष्ट करने के लिए विजय देवरकोंडा ने अपने शब्दों के चयन के ऐतिहासिक संदर्भ को समझाया. उन्होंने कहा, ‘जनजाति’ शब्द, जैसा कि मैंने इसका इस्तेमाल किया, ऐतिहासिक और डिक्शनरी सेंस में था, जैसे सदियों पहले के समय को रिफर करता है जब मानव समाज वैश्विक रूप से जनजातियों और कुलों में संगठित था. उन्होंने कहा, ‘यह अनुसूचित जनजातियों के वर्गीकरण का संदर्भ नहीं था, जिसे औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक भारत के दौरान पेश किया गया था और इसे औपचारिक रूप केवल 20वीं सदी के मध्य में दिया गया था, 100 साल पहले भी नहीं.’
आखिरि में, ‘लाइगर’ अभिनेता ने उन लोगों से माफी मांगी, जिन्हें उनके शब्दों और संदेश से ठेस पहुंची. उन्होंने यह भी लिखा कि उन्होंने हमेशा लोगों के उत्थान और एकता के बारे में सोचा है.’ अगर मेरे संदेश का कोई हिस्सा गलत समझा गया या चोट पहुंचाने वाला था, तो मैं ईमानदारी से खेद व्यक्त करता हूं. मेरा एकमात्र उद्देश्य शांति, प्रगति और एकजुटता की बात करना था. मैं अपने मंच का उपयोग उत्थान और एकीकरण के लिए करने के लिए प्रतिबद्ध हूं कि कभी भी विभाजन के लिए नहीं.’
कार्यक्रम में, अभिनेता ने कश्मीर में दुखद पहलगाम की घटना के बारे में बात करते हुए कहा, ‘कश्मीर में जो कुछ हो रहा है उसका समाधान उन्हें (आतंकवादियों को) शिक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनका दिमाग खराब न हो. उन्हें क्या हासिल होगा? कश्मीर भारत का है, और कश्मीरी हमारे हैं. भारत को पाकिस्तान पर हमला करने की भी जरूरत नहीं है क्योंकि पाकिस्तानी खुद अपनी सरकार से तंग आ चुके हैं और अगर ऐसा ही चलता रहा तो वे उन पर हमला कर देंगे. वे 500 साल पहले आदिवासियों की तरह व्यवहार करते हैं, बिना किसी समझदारी के लड़ते हैं.
जानकारी के अनुसार, हैदराबाद के वकील लाल चौहान ने सूर्या की ‘रेट्रो’ के प्री-रिलीज इवेंट में विजय द्वारा की गई प्रतिक्रिया के आधार पर मामला दर्ज किया है. रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को एसआर नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि पहलगाम आतंकी हमले पर अपने भाषण के दौरान, ‘गीता गोविंदम’ अभिनेता ने इस घटना की तुलना आदिवासी समुदायों के बीच सदियों पुराने संघर्षों से की.
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