
311 ऐप और विभाग का वाटसऐप नंबर शिकायत के लिए जारी किया
इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह (collector Ashish Singh) ने शहर मेंं संचालित हो रही होटल-रेस्टोरेंट (hotel restaurant) और गली-मोहल्ले (galee-mohalle) में रेहड़ी वालों (hawkers) पर लगाम लगाने के लिए दूषित भोजन का चेकिंग अभियान चलाया था, जिसके लिए नगर निगम के 311 ऐप पर शिकायत करने की व्यवस्था की गई थी, वहीं खाद्य विभाग के वाट्सऐप नंबर भी जारी किए गए थे, लेकिन जागरूकता की कमी आड़े आ गई। 6 महीने में सिर्फ 54 शिकायतें ही इंदौरियों ने की है।
अपने ही अधिकार के लिए इंदौर के लोगों को प्रशासन जागरूक करेगा। विभाग के अधिकारियों को तो कलेक्टर ने नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए, लेकिन जब शिकायतें ही नहीं आएंगी तो अधिकारी कार्रवाई किन पर करेंगे। कलेक्टर ने दूध की दुकानों पर फैट मशीन रखवाकर आम जनता को अधिकार दिए कि वह तुरंत परीक्षण कर दूध की गुणवत्ता नाप सकते हैं, लेकिन कोई भी उपभोक्ता अब तक आगे नहीं आया है, वहीं खाद्य पदार्थों से संबंधित शिकायतों के लिए जारी किए गए नंबर और नगर निगम के 311 ऐप पर कुल मिलाकर 54 शिकायत ही की गई है। विभाग ने सभी शिकायतों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई कर दी है, लेकिन 6 महीने में इतनी कम शिकायतें यह साबित करता हैं कि आम जनता अपने ही अधिकारों के प्रति जागरूक नहीं है।
विभाग ने लिए 3 हजार नमूने, 1 करोड़ 88 लाख वसूले
हालांकि विभाग की लीगल और सर्विलांस टीम ने 3000 से अधिक नमूने लिए थे, जिसमें से 175 सैंपल ही फेल पाए गए हैं। लगभग 193 प्रकरणों में न्यायालय ने सैंपलोंं को दूषित पाया है और उन पर अर्थदंड की कार्रवाई भी की गई है। कार्रवाई करते हुए विभाग ने एक करोड़ 88 लाख 25 हजार रुपए की दंडात्मक कार्रवाई की, जिसमें से 82 लाख 38 हजार से अधिक की वसूली की जा चुकी है।
अब जागरूकता की कार्ययोजना
खाद्य विभाग आम जनता को जागरूक करने के लिए कॉलोनी में मोबाइल प्रयोगशाला भेजने की तैयारी कर रहा है। जिले में स्थित खाद्य प्रतिष्ठानों विशेष कर निर्माताओं पर विशेष निगरानी रखी जाएगी, वर्ही हर दिन अलग-अलग क्षेत्रों से सैंपल लिए जाएंगे। कलेक्टर के निर्देश पर दूध एवं दूध से बने खाद्य पदार्थों का निर्माण संग्रहण एवं विक्रय करने वाले प्रतिष्ठानों का निरीक्षण समय-समय पर किया जाएगा, वहीं निर्माता के लिए भी ट्रेनिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे, ताकि निर्माता को फूड सेफ्टी की ट्रेनिंग देने के साथ-साथ सर्टिफिकेशन भी कराया जाए
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