
नई दिल्ली। जलवायु कार्यकर्ता (Climate Activist) सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की गिरफ्तारी के बाद से देशभर इस मामले को लेकर बातचीत तेज है। ऐसे में इस मामले में चर्चा और ज्यादा तेज तब हो गई जब वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो (Gitanjali Angmo) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में तुरंत रिहाई को लेकर याचिका दायर करने के बाद उनकी कथित गैरकानूनी गिरफ्तारी को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखा था, लेकिन अब तक कही से कोई जवाब नहीं मिला है।
बातचीत के दौरान गीतांजलि ने साफ-साफ कहा कि मैंने चिट्ठी में साफ लिखा कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है और उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। वो देश की सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं। अंगमो ने कहा कि मैंने उनसे मिलने की अनुमति भी मांगी थी, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसी वजह से हमें सुप्रीम कोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करनी पड़ी।
गीतांजलि अंगमो ने कहा कि उन्हें अब तक न्यायिक रूप से कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक कॉल आया जिसमें बताया गया कि डीएसपी ने किसी को कहा है कि कुछ लोग सोनम से मिल सकते हैं। मैंने कहा कि यह बात मुझे लिखित में दी जाए, लेकिन मुझे अब तक कुछ नहीं मिला। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें दिल्ली में लगातार फॉलो किया जा रहा है। एक गाड़ी हर जगह मेरे पीछे चलती है। जो स्टाफ हमारे साथ काम कर रहा था, उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उन पर मानसिक और शारीरिक अत्याचार किया जा रहा है।
गीतांजलि अंगमो ने चिंता जताई कि सोनम वांगचुक जेल में किस हालत में होंगे। उन्होंने कहा कि अगर एक ऐसे व्यक्ति को न्याय नहीं मिल रहा, जिसके साथ पूरा देश खड़ा है, जिसने जमीनी स्तर पर काम किया है, तो आम आदमी को क्या उम्मीद हो सकती है? उन्होंने पूरे देश से अपील की कि यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि न्याय व्यवस्था में आम लोगों की आस्था का है।
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