नई दिल्ली । बीजेपी राज्यसभा(BJP Rajya Sabha) सांसद रामचंद्र जांगड़ा(Member of Parliament Ramchandra Jangra) ने अपने विवादित बयान (Disputed statements) पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होलकर की जयंती(Birth Anniversary of Ahilyabai Holkar) पर युवाओं को प्रेरित करने को लेकर ऐसा बोला था, किसी अन्य संदर्भ में नहीं मगर इसे दूसरा रूप दे दिया गया। जांगड़ा ने कहा कि मेरे बयान का संदर्भ था कि हमारे देश की महिलाओं को झांसी की रानी और अहिल्याबाई होलकर का इतिहास पढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘मैं यह कभी नहीं मानता कि हमारे देश की महिलाएं कायर और कमजोर हैं, बल्कि हमारे देश की महिलाएं तो वीर हैं। महिलाओं को अपने अंदर झांसी की रानी और अहिल्याबाई होलकर के जब्बे को जगाने की जरूरत है। जिस तरीके की परिस्थितियां पहलगाम में सामने आईं, ऐसी स्थिति से वीरता के साथ लड़ने में सक्षम हों।’
विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद भाजपा हाईकमान राज्यसभा सांसद जांगड़ा पर कार्रवाई कर सकता है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा जांगड़ा को तलब कर सकते हैं। हरियाणा से बीजेपी के राज्यसभा सांसद अपने विवादित बयान पर चारों तरफ से घिरे हुए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बीजेपी नेता लगातार भारतीय सेना और शहीदों का अपमान कर रहे हैं, जो उनकी ओछी और घटिया मानसिकता को उजागर करते हैं। जांगड़ा का यह शर्मनाक बयान बताता है कि सत्ता के नशे में चूर भाजपा इतनी संवेदनहीन हो चुकी है कि पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के बलिदान के लिए सुरक्षा चूक को जिम्मेदार ठहराने के बजाय भाजपा सांसद शहीदों व उनकी पत्नियों पर ही सवाल उठा रहे हैं।
खरगे ने साधा जोरदार निशाना
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भाजपा नेता पहलगाम पीड़ितों और सशस्त्र बलों को बदनाम करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। भाजपा के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा के शर्मनाक बयान ने एक बार फिर आरएसएस-भाजपा की ओछी मानसिकता को उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने कहा कि जांगड़ा के बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा नेतृत्व की चुप्पी को मौन स्वीकृति के तौर पर देखा जाना चाहिए। पीएम मोदी को इसे लेकर माफी मांगनी चाहिए और सांसद को बर्खास्त करना चाहिए।
रामचंद्र जांगड़ा ने क्या कहा था
हरियाणा के भिवानी में आयोजित अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी स्मृति अभियान कार्यक्रम को बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने संबोधित किया। उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर कहा कि जिनका सिंदूर छीना गया, उनमें वीरांगना का भाव नहीं था। उन्होंने कहा कि महिला पर्यटकों में जोश और जज्बे की कमी थी। महिलाएं हाथ जोड़ने की बजाय मुकाबला करतीं तो कम लोग मरते। महिलाएं रानी लक्ष्मीबाई और अहिल्याबाई बनकर आतंकियों का मुकाबला करतीं।
जांगड़ा ने कहा, ‘अगर हर पर्यटक अग्निवीर होता तो आतंकियों को घेर लेते। इसी सोच के साथ पीएम मोदी ने आग्निवीर योजना की शुरुआत की थी। यह ट्रेनिंग पर्यटकों के पास होती तो 3 आतंकवादी 26 लोगों को नहीं मार पाते। अगर पर्यटकों के हाथ में लाठी, डंडा कुछ भी होता और वे चारों तरफ से आतंकवादियों की तरफ दौड़ते, तो मैं दावा करता हूं कि शायद 5 या 6 लोगों की जान जाती लेकिन तीनों आतंकवादी भी मारे जाते। हाथ जोड़ने से कोई नहीं छोड़ता। जो आतंकी मारने के लिए आए, उनमें दया का भाव नहीं था। हमारी जिन बहनों के माथे का सिंदूर छीना गया, उनमें वीरांगना का भाव नहीं था, जोश नहीं था, जज्बा नहीं था। इसलिए वे हाथ जोड़कर गोली का शिकार बन गईं। बहनों को तो उस समय अहिल्याबाई की तरह प्रतिकार करना चाहिए था।
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