
नई दिल्ली । भारत(India) और अमेरिका(America) के बीच टैरिफ को लेकर तनाव बना हुआ है। आज से भारतीय आयात(Indian Imports) पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू (50% tariff imposed)हो जाएंगे। नए टैरिफ लागू होने से एक दिन पहले भारत और अमेरिका के विदेश एवं रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के बीच वार्ता हुई। इस वार्ता में द्विपक्षीय मुद्दों, क्षेत्रीय रक्षा गतिविधियों और साझा रणनीतिक प्राथमिकताओं पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा सहयोग, दुर्लभ धातुओं के खनन और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर भी चर्चा की। यह वार्ता सोमवार को वर्चुअल माध्यम से हुई, जिसकी जानकारी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार देर रात दी। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए शुल्क के मुद्दे पर चर्चा हुई या नहीं।
भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू स्तर की वार्ता
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो दिन पहले कहा था कि दोनों देश संपर्क में हैं। हालांकि, इस वार्ता का शुल्क संबंधी फैसलों पर कोई प्रभाव पड़ने के संकेत नहीं हैं। भारत-अमेरिका के बीच टू प्लस टू स्तर की वार्ता में दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं। मंत्रिस्तरीय वार्ता में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए यह मध्यस्थता स्तर की बातचीत होती है। इसमें भारतीय विदेश मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (अमेरिका) नागराज नायडू और रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव विश्वेष नेगी, तथा अमेरिका की ओर से दक्षिण व मध्य एशिया ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारी बेथानी पी. मारीसन और रक्षा मंत्रालय के हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के प्रभारी सह-सचिव जेडीडाह पी. रोयाल ने सह-अध्यक्षता की।
दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत
भारत ने बताया कि दोनों देश रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमत हैं। इसके तहत अगले दस वर्षों के लिए भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के नए फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसमें रक्षा क्षेत्र में प्रौद्योगिकी सहयोग, संचालन समन्वय, क्षेत्रीय सहयोग और सूचना साझा करने पर जोर दिया जाएगा। दोनों देशों ने क्वाड के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र को अधिक सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध बनाने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर जोर
विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के अंत में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के प्रति आभार व्यक्त किया और द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया ताकि भारत और अमेरिका की जनता को लाभ हो। यह बैठक नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच हफ्तों से चल रहे तनाव के बीच हुई। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था कि राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस को यूक्रेन पर बमबारी रोकने के लिए मजबूर करने हेतु भारत पर द्वितीयक टैरिफ सहित ‘आक्रामक आर्थिक दबाव’ डाला है।
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहराया है कि अमेरिकी टैरिफ ‘अनुचित और अन्यायपूर्ण’ है और इसे गलत तरीके से ‘तेल के मुद्दे’ के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने की अधिसूचना आज (27 अगस्त 2025) से लागू हो रही है।
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