
नई दिल्ली। नवंबर में हवाई यातायात नियंत्रण के सर्वर में तकनीकी खराबी का मामला संसद में उठा है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने हाल ही में राज्यसभा में इस बारे में सवाल किया, जिस पर सरकार ने जवाब में तकनीकी गड़बड़ी की बात को स्वीकार किया है और कहा है कि उसकी जांच चल रही है। सरकार ने कहा केंद्रीय जांच एजेंसियां घटना की जांच कर रही हैं और भविष्य में ऐसी घटना रोकने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने लिखित सवाल में पूछा कि क्या यह सच है कि 6-7 नवंबर को पूरे भारत में लगभग 800 उड़ानें एटीसी की सर्वर प्रणाली में तकनीकी खराबी के चलते बाधित हुई? क्या जांच में ये पता चला है कि एटीसी सर्वर में स्पूफिंग, हैकिंग या बाहरी दखलअंदाजी हुई और क्या सरकार इस घटना की जांच करने और एटीसी की कमजोरियों को दूर करने के लिए कोई विशेषज्ञ समिति गठित करने पर विचार कर रही है?
इसके जवाब में नागर विमानन मंत्रालय ने बताया कि 6 नवंबर को दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट ऑटोमेशन सिस्टम और हवाई यातायात सेवा संदेशों की प्रोसेसिंग और उनके वितरण में देरी हुई। सरकार ने बताया कि इसके चलते उड़ान योजना, अनिवार्य उड़ान सूचना केंद्र संख्या जारी करने और वायु रक्षा मंजूरी सहित विभिन्न संदेशों के वितरण में भी देरी हुई। सरकार ने बताया कि घटना की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है और फिर से ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए भी नई हवाई यातायात सेवा संदेश हैंडलिंग प्रणाली पर स्विच किया जा रहा है।
सरकार ने ये भी बताया कि घटना के बाद भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हवाई अड्डों पर सभी संचार और निगरानी उपकरणों की व्यापक जांच करने के निर्देश दिया गया है। इसकी भी जांच की जा रही है कि कहीं ये साइबर हमला तो नहीं था। कई विशेषज्ञ दावा कर रहे हैं कि यह साइबर हमला ही था।
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