
इंदौर। 1 महीने की बेमौसम बारिश और तेज हवा-आंधी से तापमान लगातार गिरने के साथ ठंडक के साथ उमस भी है। इसका असर फलों पर भी साफ दिख रहा है। आवक तो खूब हो रही है पर खरीदार कम ही हैं। थोक में आम 30 से 50 रु. किलो आ गया है तो खरबूजा और तरबूज 3 रुपए किलो तक बिकने से किसानों को मंडी भाड़ा भी नहीं मिल रहा है। मार्च से ही इंदौर के रेडियस 100 किलोमीटर में किसानों ने रबी सीजन के बाद खाली खेती की जमीन पर तरबूज और खरबूजे की भर पल्ले खेती की थी। उत्पादन भी अच्छा रहा, लेकिन उनको लागत भी निकलना इस बार मुश्किल हो रहा है।
यहां तक कि पिछले एक सप्ताह में मंडी भाड़ा भी नहीं निकलने से किसान मुआवजा तक की मांग करने लग गए हैं। इंदौर के चोइथराम मंडी में तरबूज 3 से 5 और खरबूजा 3 से 4 रुपए प्रतिकिलो तक बिक गया है, जिसके चलते किसानों को मंडी आने की लागत भाड़ा भी नहीं निकल रहा है। लिंबोदी के किसान नेता कमल सिंह डाबी, लसूडिय़ा के दिलीपसिंह पवार ने बताया कि फल उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन मिलना चाहिए और नुकसानी के समय सरकार को मिनिमम 10 रु. किलो और किसानी की मेहनत का मुआवजा भी मिलना चाहिए। बेमौसम बारिश के चलते ठंडक और उमस होने से आमजन भी जूस को कम ही पसंद कर रहा है, जिससे मौसंबी और पाइनापल का उठाव नहीं होने से दाम में 20 से 30 रुपए प्रतिकिलो की गिरावट दर्ज की गई है। मौसंबी 25 से 45 रुपए और पाइनापल 20 से 40 रुपए किलो बिक रहा है।
आम की आवक बढ़ी ठेलों पर आया
तेज हवा-आंधी में आम की आवक तो बढ़ी है, दाम भी 30 से 50 रुपए तक नीचे आए हैं पर आमजन को 60 से 80 रु. ही खरीदना पड़ रहा है। मंडी में व्यापारी नरेश फुदवानी ने बताया कि बादाम 30 से 50 रुपए, सुंदरी के भी दाम तकरीबन यही है। गुजरात तरफ से भी आवक सीमित है, वहीं उत्तरप्रदेश का आम का स्वाद कमजोर है और कच्चा होने से मांग नहीं बढ़ पा रही है। ठंडे-गरम मौसम में लोगों की रुचि फिलहाल फलों के प्रति कम ही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved