
डेस्क: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) जॉब्स (Jobs) छीन लेगा या नहीं. इस सवाल पर Microsoft India और South Asia के प्रेसिडेंट पुनीत चंदोक (Puneet Chandok) ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि हम आखिरी पीढ़ी हैं जो स्टेबल और लॉन्ग-टर्म करियर का एक्सपीरियंस कर रही है. AI नौकरियां खत्म नहीं करेगा, बल्कि उन्हें नए रूप में तोड़ देगा. असली खतरा टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि सीखने से इनकार है.
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रेसिडेंट पुनीत चंदोक का मानना है कि AI सीधे तौर पर नौकरियां खत्म नहीं करेगा. बल्कि AI जॉब्स को छोटे-छोटे टास्क में बांट देगा, जिसे उन्होंने अनबंडलिंग ऑफ जॉब्स कहा. इसका मतलब है कि एक ही रोल में काम करने का पुराना तरीका बदल जाएगा. कर्मचारियों को नई स्किल्स के साथ खुद को ढालना होगा, वरना वे पीछे छूट सकते हैं.
चंदोक ने कहा कि इंडस्ट्रियल एज का मॉडल अब टूट रहा है, जहां एक बार पढ़ाई करके पूरी जिंदगी वही काम किया जाता था. AI के बढ़ते इस्तेमाल के कारण यह आखिरी पीढ़ी होगी जिसे स्टेबल और लंबे करियर का अनुभव मिलेगा. आने वाली पीढ़ियां एक नौकरी तक सीमित नहीं रहेंगी. वे अलग-अलग स्किल्स और प्रोजेक्ट्स का पोर्टफोलियो बनाकर काम करेंगी.
AI से नौकरी जाने की चिंता को लेकर चंदोक ने साफ शब्दों में कहा कि असली खतरा ऑटोमेशन नहीं है. उनके मुताबिक नई AI दुनिया में असली पिंक स्लिप refusal to learn यानी सीखने से मना करना है. उन्होंने सीखने की तुलना ऑक्सीजन मास्क से की और कहा कि हम हर दिन अप्रासंगिक होने के खिलाफ लड़ रहे हैं. जो लगातार नहीं सीखेगा, वही सबसे पहले बाहर होगा.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved