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ये दोहरा रवैया हमें मंजूर नहीं, यूरोपीय संघ को भारत की दो टूक; गुजरात की कंपनी पर लगाया है बैन

July 19, 2025

नई दिल्‍ली । भारत (India)ने यूरोपीय संघ (European Union) द्वारा रूस के खिलाफ लगाए गए नए प्रतिबंधों(New sanctions) को सिरे से खारिज करते हुए ऊर्जा व्यापार(Energy Trading) में “दोहरे मापदंड” अपनाने के लिए यूरोप की कड़ी आलोचना(Strong criticism) की है। EU ने अपने 18वें प्रतिबंध पैकेज के तहत गुजरात की वडीनार रिफाइनरी को निशाना बनाया है। इस रिफाइनरी को नायरा एनर्जी लिमिटेड नाम की कंपनी संचालित करती है। रिफाइनरी में रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट की 49.13% हिस्सेदारी है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने यूरोपीय संघ द्वारा रूस पर, विशेष रूप से उसके ऊर्जा व्यापार पर नए दंडात्मक उपायों की घोषणा के जवाब में कहा कि भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध उपायों का समर्थन नहीं करता है।


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “हमने यूरोपीय संघ द्वारा घोषित ताजा प्रतिबंधों पर गौर किया है। भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध का समर्थन नहीं करता। हम एक जिम्मेदार राष्ट्र हैं और अपने कानूनी दायित्वों का पूरी तरह पालन करते हैं। ऊर्जा सुरक्षा हमारे नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि ऊर्जा व्यापार में दोहरे मापदंड स्वीकार्य नहीं हैं।” यह बयान न केवल EU के कदम की प्रतिक्रिया है, बल्कि भारत की व्यापक नीति का भी संदेश है कि वह अपनी ऊर्जा सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं करेगा।

क्या हैं EU के प्रतिबंध?

यूरोपीय संघ ने 16 जुलाई को रूस के खिलाफ अपने 18वें प्रतिबंध पैकेज की घोषणा की, जिसका उद्देश्य रूस के तेल और ऊर्जा क्षेत्र को निशाना बनाना है। इस पैकेज में रूसी कच्चे तेल की अधिकतम कीमत को 60 डॉलर प्रति बैरल से घटाकर 47.6 डॉलर प्रति बैरल करना शामिल है, ताकि रूस की आय को कम किया जा सके। इसके अलावा, EU ने रूस की तथाकथित “शैडो फ्लीट” (पुराने तेल टैंकरों का समूह) और भारतीय रिफाइनरी नायरा एनर्जी को प्रतिबंधों की सूची में शामिल किया है।

नायरा एनर्जी को पहले एस्सार ऑयल के नाम से जाना जाता था। यह गुजरात के वडीनार में 2 करोड़ टन प्रति वर्ष की क्षमता वाली रिफाइनरी का संचालन करती है। यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है और देश के 6,750 से अधिक पेट्रोल पंपों को ईंधन उपलब्ध कराती है। EU का आरोप है कि यह रिफाइनरी रूसी कच्चे तेल को परिष्कृत करके डीजल और जेट ईंधन जैसे उत्पादों को यूरोप में निर्यात करती है, जिससे रूस को अप्रत्यक्ष रूप से राजस्व मिलता है।

EU की विदेश नीति प्रमुख काजा कलास ने कहा, “हम पहली बार भारत में स्थित रोसनेफ्ट की सबसे बड़ी रिफाइनरी को निशाना बना रहे हैं। यह कदम रूस की तेल आय को कम करने और अवैध तेल परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए उठाया गया है।” प्रतिबंधों के तहत नायरा एनर्जी अब यूरोपीय देशों को पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पाद निर्यात नहीं कर सकेगी। इसके अलावा, रूसी तेल के परिवहन में शामिल भारतीय ध्वज के तहत पंजीकृत जहाजों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।

रूस का समर्थन और भारत की रणनीतिक स्वायत्तता

भारत ने न केवल EU के प्रतिबंधों को खारिज किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि वह अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखेगा। रूस ने भी EU के इन प्रतिबंधों को “अवैध” करार दिया और कहा कि वह इसका डटकर मुकाबला करेगा। भारत और रूस के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए, भारत ने बार-बार कहा है कि वह केवल संयुक्त राष्ट्र द्वारा अप्रूव किए गए प्रतिबंधों का पालन करेगा।

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