
नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम मानसून (Monsoon) की विदाई के बाद अब ठंड (Cold) की आमद होने लगी है. देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में AC और कूलर का इस्तेमाल तकरीबन बंद हो चुका है. रात में पंखा चलाने पर अब चादर की जरूरत महसूस होने लगी है. सर्दियों के मौसम की आहट के साथ ही पुरानी जानलेवा समस्या भी सिर उठाने लगी है. दिल्ली-NCR में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार बढ़ रहा है. AQI का लेवल अनहेल्दी कैटेगरी में पहुंच चुका है. सरकार की तरफ से एयर पॉल्यूशन पर कंट्रोल करने की कवायद लगातार जारी है, पर अभी तक के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. दूसरी तरफ, अरब सागर में नया सिस्टम एक्टिव हो गया है. भारतीय मौसम विज्ञान वभिाग (IMD) ने केरल के साथ ही तमिलनाडु और पुडुचेरी में अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है. उत्तर प्रदेश और बिहार में फिलहाल मौसम सामान्य बने रहने की संभावना है. न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट का रुख जारी रहने का पूर्वानुमान है.
दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान के नीचे जाते ही AQI का लेवल चढ़ने लगा है. गुरुवार 16 अक्टूबर 2025 को AQI के 155 से 174 के बीच रहने की संभावना है. एयर पॉल्यूशन का यह लेवल हेल्थ के लिए काफी खराब माना जाता है. अभी कड़ाके की सर्दी का आगाज भी नहीं हुआ है, लेकिन हवा की गुणवत्ता अभी से ही बेहद खराब होने वाली है. दीपावली के बाद वायु प्रदूषण की स्थिति के और भी बिगड़ने की आशंका है. बता दें कि सर्दियों के मौसम में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में हवा की रफ्तार कम हो जाती है, जिससे पॉल्यूटेंट यानी प्रदूषण फैलाने वाले कणों का जमाव (concentration) होना शुरू हो जाता है. इससे एयर पॉल्यूशन की स्थिति बद से बदतर होती जाती है.
अरब सागर में साइक्लोनिक सर्कुलेशन
तमिलनाडु के दक्षिणी तट और कोमोरिन क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है, जो समुद्र तल से लगभग 1.5 किलोमीटर ऊंचाई तक फैला हुआ है. इसके अलावा एक और चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व अरब सागर और समीपवर्ती भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर बना हुआ है. इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र (जो केरल और कर्नाटक तटों के पास है) में 19 अक्टूबर के आसपास एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है. यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ेगा. इन सक्रिय प्रणालियों के प्रभाव से तमिलनाडु और केरल में व्यापक वर्षा जारी है. पिछले 24 घंटों में कई स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई, जिसमें तमिलनाडु के तंजौर में 43 मिमी, अतिरामपट्टिनम में 30 मिमी, चेन्नई में 29 मिमी और ऊटी (उधगमंडलम) में 50 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. वहीं, केरल में के तिरुवनंतपुरम में 31 मिमी, कोट्टायम में 46 मिमी कोझिकोड और कन्नूर में लगभग 10 मिमी बारिश दर्ज की गई है. मौसम विभाग का कहना है कि तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में अगले 7 दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने का पूर्वानुमान जतााया है.
लो प्रेशर कराएगा और बारिश
अरब सागर में निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) आने वाले दिनों में और अधिक मजबूत होगा. इसके चलते अगले सप्ताह दक्षिण तमिलनाडु और केरल के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है. हालांकि, भीषण बाढ़ जैसी स्थिति की उम्मीद नहीं है, लेकिन समुद्र में लहरें ऊंची हो सकती हैं और हवाओं की गति भी बढ़ने की संभावना है, खासकर तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तट पर. दक्षिण-पश्चिम मानसून अब देश के ज़्यादातर हिस्सों से विदा हो चुका है, इसमें पूर्वोत्तर भारत भी शामिल है. केवल इसका अंतिम सिरा उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, दक्षिणी तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. सकाईमेट वेद की रिपोर्ट के अनुसार, इन इलाकों में जो हल्की बारिश देखी जा रही है, जो दक्षिण-पश्चिम मानसून की नहीं, बल्कि उत्तर-पूर्व मानसून (Northeast Monsoon) की शुरुआत की झलक है. पूरा दक्षिण-पश्चिम मानसून 16 अक्टूबर 2025 तक देश से पूरी तरह समाप्त हो जाएगा.
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